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rape statistics in india 2020 एनसीआरबी का दावा: रेप के मामले में राजस्थान सबसे आगे

जयपुर

Published: February 17, 2022 02:57:50 pm

जयपुर। रेप, बलात्कार, दुष्कर्म, छेड़छाड़, अश्लीलता…ये शब्द दिल को झकझोरने वाले हैं। जो महिलाएं, युवतियां और बच्चियां हैवानों की शिकार बनती हैं, उनकी पीड़ा शायद ही शब्दों में बयां की जा सकती है। आंकड़े बताते हैं कि राजस्थान में अब बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, फिर बात चाहे आंगन से बाहर की हो या घर की। क्योंकि बच्चियों से होने वाले रेप के अधिकांश मामलों में जानकार ही उन्हें घाव दे जाते हैं। आज भी जयपुर शहर में ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जहां बच्चियों को परिचितों ने ही जिंदगीभर का दर्द दे दिया। ये दोनों बच्चियां उन्हें अंकल कहती थीं, लेकिन उन्हीं ने इन मासूमों के साथ असुर सा व्यवहार किया। सवाल यह है कि क्या अब ये बच्चियां कभी भी किसी अनजान पर विश्वास कर पाएंगी। क्या वो दर्द कभी भूल पाएंगी?क्या समाज इन बच्चियों की मदद करेगा फिर से नई शुरुआत करने में। शायद यह हमारे समाज के लिए एक अलार्म की आहट है कि अब समय है समझने का और संभलने का। हमें बेटियों को जहां आत्मरक्षा के गुर सिखाने और उनसे खुलकर बात करने की जरूरत है। वहीं बेटों को महिलाओं का सम्मान करने का सबक भी सिखाने की आवश्यकता है।

rape statistics in rajasthan 2020 बचपन पर भारी असुर अंकल

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डरावने हैं ये आंकड़े नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार साल 2020 में देश में सबसे ज्यादा रेप केस राजस्थान में दर्ज किए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। राजस्थान में एक साल में 5,310 रेप केस दर्ज किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में 2769 केस दर्ज किए गए। वहीं मध्य प्रदेश 2,339 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। इसके बाद चौथे नंबर पर महाराष्ट्र है, जहां 2,061 रेप केस दर्ज हुए हैं। हालांकि महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और 34,535 केसों के साथ तीसरे नंबर पर है। वहीं उत्तर प्रदेश 49,385 केसों के साथ पहले और पश्चिम बंगाल 36,439 केसों के साथ दूसरे नंबर पर है। राजस्थान में हुए कुल रेप के मामलों में 1,279 पीड़िताएं नाबालिग हैं, वहीं 4,031 व्यस्क हैं। हालांकि राजस्थान पुलिस का तर्क है कि प्रदेश में फ्री रजिस्ट्रेशन के कारण अपराध के आंकड़े बढ़े हैं। आंकड़ों के अनुसार यहां रेप के 43 फीसदी मामले तो झूठे मिले हैं।

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