Rashtriya Swyamsewak Sangh Subhash Chandra Boss Veer Sawarkar | बोस को अखंड भारत का प्रथम प्रधानमंत्री कहना अनुचित नहीं होगा-अद्वैतचरण

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैतचरण दत्त ने कहा है कि समय आ गया है कि हम सुभाष चंद्र बोस के नाम से नवयुवाओं को जोड़ें।
जयपुर
Published: January 23, 2022 08:04:11 pm
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख अद्वैतचरण दत्त ने कहा है कि समय आ गया है कि हम सुभाष चंद्र बोस के नाम से नवयुवाओं को जोड़ें। बोस के जीवन पर परिचर्चा मात्र न करें अपितु स्वयं परिश्रम करके अगले दो दशकों में भारत को श्रेष्ठ, समृद्ध तथा गौरवशाली बनाए। दत्त रविवार को जयपुर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की ओर से सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित आॅनलाइन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।

बोस को अखंड भारत का प्रथम प्रधानमंत्री कहना अनुचित नहीं होगा-अद्वैतचरण
उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस के साथ डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार, वीर सावरकर तथा लाल बाल पाल के निकट वैचारिक संबंध रहे। इन सभी ने मिलकर योजनापूर्वक देश की स्वाधीनता के लिए अपने-अपने क्षेत्र में कार्य किया। इन तथ्यों का विस्तार से अध्ययन करना चाहिए। यह भी तथ्य है कि हेडगेवार की मृत्यु से ठीक एक दिन पूर्व अर्थात 20 जून 1940 को सुभाषचंद्र बोस उनसे भेंट करने आए थे किंतु हेडगेवार का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से उन्हें प्रणाम कर चले गए। यदि इन दोनों महापुरुषों को एक साथ कार्य करने का अधिक समय मिलता तो आज परिदृश्य कुछ भिन्न होता।
अखंड भारत का सपना देखा दत्त् ने कहा कि बोस ने अखंड भारत का स्वप्न देखा था। आजाद हिंद फौज के माध्यम से उन्होंने 1943 तक देश के कई भाग स्वाधीन करवा लिए थे। भारत के बाहर उन्होंने भारत की पहली स्वाधीन सरकार का गठन किया था। इस प्रकार उन्हें अखंड भारत का प्रथम प्रधानमंत्री कहना अनुचित नहीं होगा। बोस ने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया किंतु उन्हें भारत के ही कतिपय नेताओं का समर्थन नहीं मिला। आज भारत अपने महापुरुषों के विषय में बात कर रहा है। अखंड भारत की पुनर्स्थापना का परिदृश्य उभर रहा है। जिन स्थानों को भारत से काटने का षड्यंत्र था, आज वहां तिरंगा फहरा रहा है। सुभाष जैसे महापुरुषों ने सिखाया कि भारत मात्र भूभाग नहीं अपितु यह तो जाग्रत भारत माता है।
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