रंग से धोखा नहीं खाइए, ये कद्दू नहीं पीला तरबूज है, लाल से ज्यादा मीठा, वेट लॉस करना हो तो फौरन घर ले आइए

भागलपुर. तरबूज यानि बाहर से हरे और अंदर से चटख लाल-लाल-रसीले फल. जिन्हें देखकर ही तबियत में तरावट आ जाए. लेकिन अब ये तस्वीर भी बदल गयी है. तरबूज पीले भी हो सकते हैं. बल्कि कहें कि तरबूज यानि पीले पीले फल.
भागलपुर गंगा किनारे बसा हुआ शहर है. यहां पर तरह-तरह की खेती की जाती है. खासकर गंगा किनारे सब्जी और फल की खेती बड़े पैमाने पर होती है. गंगा किनारे बालू नुमा मिट्टी होने के कारण यहां तरबूज की खेती बड़े पैमाने पर होती है. अब भागलपुर के किसान ने दोमट मिट्टी पर भी तरबूज उगाना शुरू कर दिया है. ये किसान सिर्फ लाल तरबूज ही नहीं बल्कि पीला तरबूज भी उगा रहे हैं. जो अपने आप में एक अनोखा तरबूज है.
पहली बार ट्रायल के तौर पर एक बीघे में पीले तरबूज की खेती की गई. इसका उत्पादन अच्छा रहा. लाल तरबूज के वनस्पत इस तरबूज की कीमत बाजार में अधिक मिल जाती है. इसके साथ ही इसमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है. लाल तरबूज और पीला तरबूज में स्वाद में काफी अंतर होता है.
रंग की तरह स्वाद में भी फर्कपीले तरबूज की खेती कर रहे किसान गुंजेश गुंजन ने बताया लाल और पीले तरबूज में कई अंतर हैं. पीला तरबूज खाने में बहुत मीठा होता है. साथ ही इसकी स्टोरेज कैपेसिटी अधिक होती है. बाजार में इसकी मांग भी होने लगी है. यह आसानी से ₹50 किलो के हिसाब से बिक जाता है. जबकि लाल तरबूज 20 रुपए किलो में बिक रहा है.
महाराष्ट्र से हुई शुरुआतगुंजेश ने बताया पीले तरबूज का सबसे अधिक उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. बिहार में कई जगहों पर 3 साल से इसकी खेती हो रही है. लेकिन लोग अभी इसके बारे में ज्यादा जानते नहीं हैं. इसलिए अभी बिहार में इसका बाजार नहीं बन पाया है.
वेट लॉस करने में मददगारअगर औषधीय गुण की बात करें तो लाल तरबूज से अधिक इस तरबूज में औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसमें लाइकोपीन नामक तत्व नहीं होते हैं इसलिए यह पीला होता है. यह कई गुणों से भरपूर होता है. पीले तरबूज में विटामिन-बी, विटामिन-ए और सी, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, बीटा कैरोटीन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. गर्मियों में ये शरीर को हाइड्रेट रखता है. इम्युनिटी को बूस्ट करता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर करता है. कम कैलोरी होने के कारण ये वेट लॉस करने वालों के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 19:52 IST