खुलासा: गजवा ए हिंद के लिए डार्क वेब यूज कर रहे आईएस और अलकायदा आतंकवादी, बिहार-झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ी चुनौती
हाइलाइट्स
आईएस और अलकायदा आतंकी कर रहे डार्क वेब का इस्तेमाल. बांग्लादेशी घुसपैठ भी आतंकवादी गतिविधियों को दे रही मजबूती. आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चुनौती.
रांची. हजारीबाग और लोहरदगा के 16 लोकेशन पर एटीएस, एसटीफ और दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के द्वारा के द्वारा गुरुवार को रेड की गई और अलकायदा के इंडियन मॉड्यूल का खुलासा किया गया है. ये मॉड्यूल देश के भीतर ‘खिलाफत’ की घोषणा करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में जुटा था. जानकारी के अनुसार, इसे लेकर ही आतंकियों की ट्रेनिंग भी राजस्थान के भीवाड़ी में कराई जा रही थी. वहीं ये भी जानकारी है कि राजस्थान के भिवाड़ी में जो 6 आतंकी हथियार के साथ पकड़े गए थे सभी का कनेक्शन झारखंड से हैं. इनके पास से AK 47 भी बरमाद हुआ था. वही इन युवकों को झारखंड से ही डॉ इश्तियाक अहमद ने राजस्थान भेजा था.
मामले की जानकारी देते हुए राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि फिलहाल मामले की जांच चल रही है. न सिर्फ झारखंड पुलिस बल्कि केंद्रीय एजेंसियों के द्वारा भी जांच की जा रही है. वहीं, उन्होंने बताया कि अवैध हथियार, दस्तावेज, और डिजिटल इक्यूपमेंट जैसे पेन ड्राइव, मोबाइल लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद हुए हैं. इसे लेकर पड़ताल की जा रही है. मामले में उन्होंने बताया कि कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है तो वहीं, कुछ को डिटेन कर पूछताछ भी जा रही है.
बता दें कि इस छापेमारी में डॉक्टर इश्तियाक अहमद, मुफ्ती रहमतुल्ला,रिजवान बाबर, मोतीउर रहमान जो रांची जिले से गिरफ्तार किए गए हैं, तो वहीं फैजान को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया है. मामले में पूर्व आईपीएस निर्मला कौर ने बताया कि झारखंड का आतंकी कनेक्शन कोई नया नहीं है. वर्ष 2019 में ही अलकायदा का इंडियन मॉड्यूल की पहली गिरफ्तारी झारखंड के जमशेदपुर से हुई थी. वहीं, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में आतंकी संगठन ज्यादातर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और डिजिटल तरीके से ही एक दूसरे से जुड़ते हैं.
इंटरनेट पर इनकी मॉनिटरिंग को लेकर सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं. खास तौर से उन्होंने बताया कि आतंकी संगठन डार्क वेब का ज्यादा इस्तेमाल करते है जहां पर रिस्ट्रिक्शन होते हैं. ये मैसेज के वक्त भी कोडिंग का इस्तेमाल करते हैं जिस कारण काफी बारीकी से निगाह रखने पर ही इनके बारे में जानकारी मिल पाती है. वहीं, इसके साथ ही पूर्व आईपीएस निर्मला कौर कहा कि बांग्लादेश घुसपैठ भी झारखंड के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि इनके जरिए भी आतंकी गतिविधियां बढ़ सकती हैं. जरूरी है इसे लेकर भी सख्त कार्रवाई की जाए.
गौरतलब है कि इस पूरे नेक्सस के मास्टरमाइंड डॉक्टर इश्तियाक अहमद को एटीएस की टीम ने AK रेसीडेंसी से गिरफ्तार किया था. हालांकि, जब हम वहां पहुंचे तो लोग इस बारे में कुछ भी बात करने से बचते नजर आए. बता दें कि भारत में रहकर अलकायदा मॉड्यूल के जरिए देश के अंदर आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के इरादे से संगठन को मजबूत करने को लेकर साजिशें चल रहीं थीं. इसकी जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हुए.
वहीं, झारखंड मॉड्यूल का नेतृत्वकर्ता डॉक्टर इश्तियाक अहमद है जो रांची के मेडिका अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट था. जानकारी एक अनुसार, डॉ. इश्तियाक का हजारीबाग जिले में भी अपना क्लीनिक है. रांची के जोड़ा तालाब स्थित AK रेसीडेंसी में फिलहाल वो रहा करता था. वहीं, रांची का लेक व्यू हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी इश्तियाक के नाम पर है. वहीं इसके साथ ही चान्हो के चटवल इलाके स्थित मदरसे के मुफ्ती रहमतुल्ला के परिजनों ने रहमतुल्ला को निर्दोष बताया.
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FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 11:58 IST