Rose Farming: खेती से बदल डाला जीवन, गुलाब जल, गुलकंद, शरबत और बनाते हैं इत्र, रोजाना 30 किलो से अधिक उत्पादन

Last Updated:May 09, 2025, 13:21 IST
Rose Farming: भीलवाड़ा जिले के खारी का लांबा गांव के रहने वाले मक़सूद ने अपनी पढ़ाई का सदुपयोग करते हुए गुलाब की खेती शुरू की और अब वे गुलाब जल, गुलकंद शरबत और इत्र बना रहे हैं और अच्छा खासा का मुनाफा कमा रहे ह…और पढ़ेंX
किसान ने बदली खेत की तसवीर
हाइलाइट्स
मक़सूद ने गुलाब की खेती से कमाया मुनाफागुलाब जल, गुलकंद, शरबत और बनाते हैं इत्रडिजिटल प्लेटफार्म से बेचते हैं उत्पाद
भीलवाड़ा. आज के आधुनिक दौर में डिग्री प्राप्त करने के बाद हर युवा एक अच्छी नौकरी करने की ललक में कई प्रकार के जतन करते हैं. ऐसे में कई बार वह अच्छी नौकरी नहीं पर मिल पाने से हताश हो जाते हैं लेकिन भीलवाड़ा के एक युवक ने इसके मायने ही बदल दिए हैं.
बना रहे हैं गुलाब जल, गुलकंद शरबत और इत्र भीलवाड़ा जिले के खारी का लांबा गांव के रहने वाले मक़सूद ने अपनी पढ़ाई का सदुपयोग करते हुए गुलाब की खेती शुरू की और अब वे गुलाब जल, गुलकंद शरबत और इत्र बना रहे हैं और अच्छा खासा का मुनाफा कमा रहे हैं. मक़सूद के पिता सैफुद्दीन बागवान भी उनके साथ इस काम में जुड़े हुए हैं और दोनों मिलकर अपने खेत में गुलाब की खेती कर रहे हैं.
युवाओं के लिए प्रेरणा है मक़सूद की कहानीमक़सूद की कहानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो सरकारी नौकरी के पीछे भागते हैं और अन्य विकल्पों पर विचार नहीं करते हैं. मक़सूद ने अपनी पढ़ाई का उपयोग करके एक नया रास्ता चुना और आज वे अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं. मक़सूद के इस अनोखे व्यवसाय ने न केवल उनकी जिंदगी बदली है, बल्कि उन्होंने अपने क्षेत्र में एक नई पहचान भी बनाई है. उनकी कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं.
खेती में पढ़ाई का सदुपयोग किसान मक़सूद ने मैने अपनी पढ़ाई में एमएससी बीएड की हुई हैं. मेरी सरकारी नोकरी नही लगीं तो मैंने अपने पिता के साथ ही अपने परिवार की परंपरागत खेती अपना कर अपनी पढ़ाई का सदुपयोग करके गुलाब की खेती करना शुरू कर दिया. खेत पर ही गुलाब जल, गुलकंद शरबत और इत्र बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से 30 किलो गुलाब के फूलों से 5 से 10 लीटर गुलाब जल बनता है.
15 से 30 किलो गुलाब हर दिन उत्पादन1 लीटर गुलाब जल 200 से 250 रूपये प्रति किलो की भाव से भीलवाड़ा के बाजारों में बिकता है. वर्तमान में डिजिटल मीडिया का युग है हम खेत पर जो गुलाब जल, गुलकंद, ईत्र और शरबत तैयार करते हैं उनको डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए बेचते है. जिससे अच्छा मुनाफा मिलता है. खेत पर गुलाब जल, गुलकंद, इत्र व शरबत तैयार करते हैं. एक बीघा गुलाब की खेती में 15 से 30 किलो गुलाब हर दिन उत्पादन होता है. खेत पर ही हमने मिट्टी की भट्टी बना रखी है जिस के ऊपर एक बड़ी डेग में पानी के साथ गुलाब के पुष्प डाले जाते हैं और नीचे लकड़ी से तेज आंच पर गर्म कर भाप आसवन विधि से ही गुलाब जल तैयार किया जाता है.
Location :
Bhilwara,Bhilwara,Rajasthan
homerajasthan
किसान ने बदली खेत की तस्वीर, गुलाब की खेती ने बदल दी किस्मत