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जातिगत जनगणना पर बिहार सीएम नीतीश कुमार के रवैये को लेकर लोजपा ने प्रतिक्रिया दी है। लोक जनशक्ति पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने का बहाना तलाश रहे हैं। अब नीतीश कुमार का राजनीतिक अंत निश्चित है।

नई दिल्ली। जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार की राजनीति गरमाई हुई है। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने से इंकार करने के बाद से बिहार की सभी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर है। खास बात है कि बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू भी केंद्र के इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र को जातीय जनगणना के फायदे गिना रहे हैं और जातीय जनगणना कराने पर अड़े हुए हैं।
लोजपा की बिहार सीएम को नसीहत
जातिगत जनगणना पर बिहार सीएम नीतीश कुमार के रवैये को लेकर लोजपा ने निशाना साधा है। लोजपा प्रदेश प्रवक्ता कृष्णा सिंह कल्लू का कहना है कि अब नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होने का बहाना खोज रहे हैं। इसके साथ ही कृष्णा सिंह ने नीतीश कुमार को चिराग पासवान से राजनीति सीखने की नसीहत दी है।
नीतीश का राजनीतिक अंत निश्चित
कृष्णा सिंह कल्लू ने कहा कि नीतीश कुमार कभी भी किसी राजनीतिक गठबंधन में एक वफादार सहयोगी की तरह नहीं रह पाए। अपने सहयोगियों को धोखा देने के आदी नीतीश अब पॉलिटिकल सुसाइड की ओर बढ़ रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने कहा था यह मेरा आखिरी चुनाव है और अब वाकई नीतीश कुमार का राजनीतिक अंत निश्चित है।
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गौरतलब है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में बड़ा फैसला ले सकते हैं और अपने बूते पर राज्य में जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि बिहार के 10 राजनीतिक दलों में से 9 दल जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में हैं।
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