Rajasthan
हैदराबाद में डॉक्टरों ने मरीज की किडनी से निकाली 418 पथरी | Doctors remove 418 kidney stones from patients in Hyderabad

पहले कैसे होता था? आमतौर पर पथरी निकालने के लिए बड़ा ऑपरेशन करना पड़ता था, जिसमें मरीज को ज्यादा तकलीफ होती थी और ठीक होने में भी वक्त लगता था.
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यह कैसे हुआ? – मरीज की सिर्फ 27% ही किडनी काम कर रही थी.
– डॉक्टरों ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जगह एक नई तकनीक, “पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी” (पीसीएनएल) का इस्तेमाल किया.
– पीसीएनएल में छोटे छेद करके कैमरा और लेजर की मदद से पथरी को निकाला जाता है.
– इस तरीके से मरीज को कम तकलीफ होती है और जल्दी ठीक होने में भी मदद मिलती है.
– डॉक्टरों ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जगह एक नई तकनीक, “पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी” (पीसीएनएल) का इस्तेमाल किया.
– पीसीएनएल में छोटे छेद करके कैमरा और लेजर की मदद से पथरी को निकाला जाता है.
– इस तरीके से मरीज को कम तकलीफ होती है और जल्दी ठीक होने में भी मदद मिलती है.
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इस ऑपरेशन में क्या हुआ? – 60 साल के मरीज की किडनी में 418 पथरी थीं.
– उनकी किडनी सिर्फ 27% ही काम कर रही थी.
-डॉक्टरों की टीम ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से 2 घंटे में सारी पथरी निकाल ली.
-इस तरीके से मरीज को कम तकलीफ हुई और वो जल्दी ठीक हो सकेंगे.
– उनकी किडनी सिर्फ 27% ही काम कर रही थी.
-डॉक्टरों की टीम ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की मदद से 2 घंटे में सारी पथरी निकाल ली.
-इस तरीके से मरीज को कम तकलीफ हुई और वो जल्दी ठीक हो सकेंगे.
ये ऑपरेशन एक बड़ी कामयाबी है और भविष्य में ऐसे मरीजों के लिए उम्मीद जगाता है.