Sankashti Chaturthi 2021: Significance, Shubh Muhurat And Puja Vidhi – राजयोग सहित अन्य संयोगों में संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज, रात 8.58 मिनट बजे होगा चंद्रोदय

भाद्रपद कृष्ण तृतीया युक्त चतुर्थी बुधवार को राजयोग सहित अन्य योगों में महिलाएं पति की दीर्घायु, पुत्र और परिवार में सुख समृद्धि के लिए निर्जला रहकर संकष्ट चतुर्थी का व्रत रख रही है।

जयपुर। भाद्रपद कृष्ण तृतीया युक्त चतुर्थी बुधवार को राजयोग सहित अन्य योगों में महिलाएं पति की दीर्घायु, पुत्र और परिवार में सुख समृद्धि के लिए निर्जला रहकर संकष्ट चतुर्थी का व्रत रख रही है।
इस दौरान विभिन्न जगहों पर समूहों में महिलाएं व्रत रखकर गणेशजी, चौथ माता का पूजन कर कथा सुनी। चौथ का उद्यापन करने वाली महिलाएं 14 सुहागिनों को भोजन कराकर उपहार स्वरूप सुहाग की वस्तुएं भेंट करेंगी। वहीं रात को चंद्रोदय होने के बाद अघ्र्य अर्पित कर महिलाएं व्रत खोलेगी। चंद्रोदय रात 8 बजकर 58 मिनट पर होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक बुधवार को भगवान गणेश के वार के दिन व्रत रखना और पूजा अर्चना कर बेहद फलदायी रहेगा।
यहां किया टीजडी माता का व्रत
अलग-अलग समाजों में इस पर्व को एक दिन पूर्व या एक दिन बाद मनाए जाने की परंपरा है। कई जगहों पर यह पर्व कजली तीज तो सिंधी समाज की महिलाओं ने यह पर्व सुहाग की लंबी उम्र की कामना के लिए टीजडी माता का व्रत रखा। कथा सुनकर टीजडी माता को हिंदोरेे में झुलाएगी। मां गौरी और भगवान शिव से पल्लव प्रार्थना कर अपने पति और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की जाएगी। वहीं घर परिवार के बुजुर्गों के चरण छूकर आशीर्वाद लिया जाएगी।