Sanskrit Education#Rajasthan#sanskrit books# | 22 अगस्त से प्रथम परख,संस्कृत के स्टूडेंट्स को अब तक नहीं मिली किताबें
जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए तकरीबन दो माह का समय पूरा होने जा रहा है और २२ अगस्त से स्कूलों में प्रथम परख भी शुरू होने जा रहे हैं लेकिन नहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब तक उनकी पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल सकी हैं।
जयपुर
Published: August 15, 2022 03:49:29 am
जयपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हुए तकरीबन दो माह का समय पूरा होने जा रहा है और २२ अगस्त से स्कूलों में प्रथम परख भी शुरू होने जा रहे हैं लेकिन नहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अब तक उनकी पाठ्यपुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। यानी जिस विभाग की स्थापना ही संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए हुई हो, आज वो देववाणी संस्कृत अधिकारियों की शिथिलता का दंश झेल रही है। पिछले दिनों १२अगस्त को संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रहे को राज्य स्तरीय संस्कृत दिवस समारोह का आयोजन किया गया था लेकिन विडंबना है कि संस्कृत शिक्षा विभाग अपने विद्यार्थियों को संस्कृत की किताबें अब तक उपलब्ध नहीं करवा पाया है। निदेशालय व सम्भाग स्तर पर कर्मचारियों व अधिकारियों का लंबा पूरा लवाजमा लगा हुआ है। उसके बाद भी संस्कृत की पुस्तकों का वितरण नहीं हो पाया। जबकि विद्यालयों से मांग पत्र दिसम्बर 2021 में ही स्कूल से मांग ली गई थी।
अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग
राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री वीरविक्रमादित्य ने बताया है कि जिस विभाग का कार्य ही संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार के लिए हुआ है उसी विभाग के बच्चे संस्कृत पुस्तकों के लिए तरस रहे हैं।। उन्होंने कहा कि जब विभाग के अधिकारियों से जब संघठन के प्रतिनिधियों मुलाकात की तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। संगठन मांग करता है कि लापरवाही करने वाले सम्बंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाए।

22 अगस्त से प्रथम परख,संस्कृत के स्टूडेंट्स को अब तक नहीं मिली किताबें
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