SARGUJA PARSA COAL BLOCK COAL MINE CLEARANCE – राजस्थान को एक और कोयला खदान की मिली क्लीरियेंस

प्रदेश को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक (Sarguja Parsa Coal Block) में कोयला खनन के लिए एक और सफलता मिली है। यहां से 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक से खनन के लिए कोयला मंत्रालय से मंगलवार को क्लियरेंस (Coal Mine Clearance) मिल गई है। 841 हैक्टेयर में फैले इस ब्लॉक से प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी, जो पांच मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी।

राजस्थान को छत्तीसगढ़ में एक और कोयला खदान की मिली क्लीरियेंस
– 5 एमटीपीए परसा कोल ब्लॉक खनन के लिए केन्द्रीय कोयला मंत्रालय से भी मिली क्लियरेंस
जयपुर। प्रदेश को छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित परसा कोल ब्लॉक (Surguja Parsa Coal Block) में कोयला खनन के लिए एक और सफलता मिली है। यहां से 5 एमटीपीए क्षमता के कोल ब्लॉक से खनन के लिए कोयला मंत्रालय से मंगलवार को क्लियरेंस (Coal Mine Clearance) मिल गई है। 841 हैक्टेयर में फैले इस ब्लॉक से प्रतिदिन करीब 2.7 रैक कोयले की मिल सकेगी, जो पांच मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी।
ऊर्जा विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों बायोडायवरसिटी असेसमेंट स्टडी रिपोर्ट केन्द्र तक पहुंचाने का दबाव बनाया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और केन्द्र सरकार के अफसर हरकत में आए। इससे पहले केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से 21 अक्टूबर को ही क्लियरेंस प्राप्त हुई है।
ऊर्जा सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2015 में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को 841.538 हैक्टेयर क्षेत्र का कोल ब्लॉक आवंटित किया था। केन्द्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और कोयला मंत्रालय से लम्बे समय से क्लियरेंस नहीं मिलने से कोयले खनन शुरू नहीं हो पा रहा था। प्रदेश के अफसरों ने कोयला संकट के दौरान दोनों मंत्रालय के सचिव से मिलकर पक्ष रखा और आवश्यक औपचारिकता पूरी की।
उन्होंने बताया कि केंद्र से क्लियरेंस मिल गई है। अब छत्तीसगढ़ सरकार से आवश्यक स्वीकृतियां जारी की जानी है, जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और माना जा रहा है कि इस माह के अंत या दिसंबर माह के शुरुआत तक छत्तीसगढ़ सरकार से भी आवश्यक क्लियरेंस मिल जाएगी।
पिछले दिनों इस कोल ब्लॉक की मिली थी क्लिरियेंस
सरकार को 22 अक्टूबर को ही छत्तीसगढ़ में ही आंवटित 841.538 हैक्टेयर क्षेत्रफल का कोल ब्लॉक के लिए भी क्लिरियेंस मिली थी। इससे प्रदेश के बिजलीघरों को हर दिन 11 हजार टन (2.7 रैक) तक अतिरिक्त कोयला मिल सकेगा। संभवतया दो से तीन माह में यहां खनन शुरू हो जाएगा। इस ब्लॉक में प्रतिवर्ष 5 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होने की संभावना है।