saryu nadi ki kahani shardiya navratri bagnath mandir uttarakhand | Navratri 2023: जब इस नदी को धरती पर आने में बाधा बनी ऋषि की तपस्या, माता पार्वती ने गाय बनकर की लीला

भोपालPublished: Oct 21, 2023 05:12:06 pm
गंगा को धरती पर लाने की कथा तो सब जानते हैं, लेकिन कम ही लोगों को सरयू को धरती पर लाने की कहानी मालूम होगी। शारदीय नवरात्रि में हम आपको बता रहे हैं वह कहानी जिसमें जगदंबा पार्वती को सरयू को धरती पर लाने के लिए गाय और भगवान शिव को व्याघ्र बनकर लीला करनी पड़ी। इसका एक छोर जुड़ा हुआ है उत्तराखंड के बागेश्वर धाम (bagnath mandir bageshwar) से…जहां स्थापित है बागनाथ मंदिर उत्तराखंड (bagnath mandir uttarakhand)..पढ़िए पूरी कहानी
नवरात्रि में पढ़ें सरयू नदी की कहानी
सरयू और गोमती नदी के संगम पर स्थित बागेश्वर जनपद 2246 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह उत्तराखंड का तीसरा सबसे छोटा जनपद है। मानस खंड में सरयू को गंगा और गोमती को यमुना नदी का दर्जा दिया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस प्रकार गंगा नदी को भगीरथ धरती पर लाए थे। उसी प्रकार सरयू नदी को भी धरती पर लाया गया था। भगवान विष्णु की मानस पुत्री सरयू नदी को धरती पर लाने का श्रेय ब्रह्मर्षि वशिष्ठ को जाता है ।