Shree Neminath Bhagwan Garbh Kalyanak Divas – जयकारों के बीच मनाया भगवान नेमिनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस

दिगंबर जैन मंदिरों में अष्टान्हिका महापर्व की शुरुआत 11 से

जयपुर। 22 वें तीर्थंकर नेमिनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस आज मनाया जा रहा है। जिनालयों में भगवान नेमिनाथ के अभिषेक, शांतिधारा के बाद पूजा के साथ ही गर्भ कल्याणक अघ्र्य चढ़ाया गए। चूलगिरी, संघीजी जैन मंदिर, आमेर के नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, नेमिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र छोटा गिरनार बापूगांव सहित शहर के जैन मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन हुए। जैन मंदिरों में मुनियों और आर्यिकाओं के सान्निध्य में धार्मिक कार्यक्रम हुए। इस मौके पर विशेष प्रवचन हुए। जनकपुरी ज्योति नगर जैन मंदिर में भगवान नेमिनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस अभिषेक, शांतिधारा व अर्घ समर्पित कर श्रावकों ने भक्ति भाव से मनाया।
जैन मंदिरों में होंगे धार्मिक आयोजन
गुरुवार से अष्टानिका महापर्व शुरू होगा, जो 19 नवंबर तक मनाया जाएगा। मंदिरों में सिद्ध चक्र महामंडल विधान, नंदीश्वर महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ सहित अन्य महामंडल विधान होंगे। दुर्गापुरा जैन मंदिर में आचार्य शशांक सागर ससंघ, मुहाना मण्डी स्थित मंदिर में आचार्य कुशाग्रनंदी ससंघ, श्यामनगर में आर्यिका गौरवमति ससंघ, विवेक विहार में आर्यिका विज्ञाश्री ससंघ सहित अन्य जैन मंदिरों में कार्यक्रम होंगे। मान्यता है कि महासती मैना सुन्दरी के अपने पति श्रीपाल के कुष्ठ रोग निवारण के लिए किए गए प्रयासों से इस पर्व की शुरुआत हुई है। मान्यता यह भी है कि इस दौरान स्वर्ग से देवता आकर नंदीश्वर द्वीप में निरंतर आठ दिन धर्म कार्य, पूजा-अर्चना करते हैं।
जैन धर्म में विशेष स्थान
आठ दिन मनाया जाने वाला अष्टाह्निक पर्व जैन धर्म में विशेष स्थान रखता है। आठ दिन का यह उत्सव साल में तीन बार मनाया जाता है। इस अवधि में जैन मत को मानने वाले रोजाना मंदिरों में विशेष पूजा, सिद्धचक्र मंडल विधान, नंदीश्वर विधान और मंडल पूजा सहित कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। भगवान महावीर स्वामी को समर्पित उत्सव जैन धर्म के सबसे पुराने पर्वों में से एक है। यह साल में तीन बार कार्तिक, फाल्गुन और आषाढ़ के महीनों में मनाया जाता है।