Shukra Ka Gochar 2022 : नए साल में शुक्र का कब कहां होगा गोचर? साथ ही जानें क्या देता है आपके लिए संकेत

Shukra Ka Gochar 2022 : ज्योतिष के नवग्रहों में से एक अति विशिष्ट ग्रह शुक्र भी हैं। जिन्हें भाग्य का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह की अधिपति स्वयं देवी माता लक्ष्मी जी हैं। शुक्र को एक स्त्री ग्रह माना गया है। कुंडली में अन्य ग्रहों की तरह ही शुक्र ग्रह भी अपना एक असर दिखाते हैं।
ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार ज्योतिष में माना जाता है कि शुक्र ग्रह से प्रभावित जातकों का भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में होता है। ऐसे में आज हम आपको अगले साल यानि 2022 में शुक्र कब-कब अपनी चाल बदलने जा रहे हैं इसके संबंध में बता रहे हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि आपको इसकी इन चालों से कैसे सतर्क रहना होगा? इसके अलावा किस राशि में शुक्र ग्रह का क्या असर होता है ये भी जानेंगे।
पंडित शुक्ला के अनुसार शुक्र ग्रह का संबंध शुक्राचार्य से माना जाता है। ऐसे में जहां ये जातकों को भौतिक सुख प्रदान करते हुए उनके भाग्य में इजाफा करते हैं। वहीं यह मीन राशि में शुक्र उच्च और कन्या राशि में नीच के माने गए हैं।
इसके अलावा शुक्र ग्रह की बुध,शनि व केतु से इसकी मित्रता होती है, जबकि चंद्रमा,सूर्य व राहू इनके शत्रु माने जाते हैं। वहीं मंगल व बृहस्पति के साथ शुक्र का सम संबंध है। शुक्र ग्रह को भोर का तारा भी कहा जाता हैं। यह जन्मकुंडली में विवाह का कारक ग्रह होने के साथ ही कई शुभ कार्यों के कारक भी माने गए हैं। इसी कारण शुक्र के अस्त होने पर कई तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
इसके हैं कारक –
ज्योतिष में शुक्र को ब्राह्मण माना गया हैं, वहीं यह आग्नेय दिशा के कारक ग्रह माने गए हैं। पत्नी और प्रेमिका के बारे में विचार करने के लिए शुक्र को देखा जाता है, जबकि यहीं संगीत विद्या के भी कारक माने जाते हैं। माना जाता है कि शुक्र ग्रह के दूषित होने के कारण जातक को वीर्य संबंधी रोग होते हैं। वहीं इनमें जल तत्व की प्रधानता मानी गई है।
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शुक्र ग्रह को वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त हैं। गोचर के दौरान शुक्र को मीन राशि में उच्च का माना जाता है, वहीं कन्या राशि में शुक्र का नीच का माना जाता है। जबकि अपनी ही राशि तुला राशि में यह एक से 10 अंश तक मूल त्रिकोण का होता है।
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शुक्र एक शुभ ग्रह हैं। माना जाता है कि इस ग्रह से प्रभावित लोगों का रंग गेहूंआ होता है। वहीं व्यवसाय में शुक्र का विचार दक्षिण पूर्व के व्यवसाय के लिए किया जाता है। शुक्र को रजोगुणी माना गया है। यह जहां भी स्थित होता है वहां से सातवें भाव पर अपनी दृष्टि रखता है।
नए साल में कुछ इस तरह बदलेगी शुक्र की चाल –
08 दिसंबर 2021 को शुक्र के मकर राशि में प्रवेश के 12 दिनों के बाद 19 दिसंबर को शुक्र मकर राशि में वक्री हो जाएंगे और वक्री अवस्था के कारण यह 30 दिसंबर को पुन: पिछली राशि धनु में आ जाएंगे। जिसके बाद साल 2022 में शुक्र के गोचर की ये स्थिति देखने को मिलेगी।
शुक्र ग्रह का राशि परिवर्तन | : दिनांक |
धनु से मकर | : रविवार,27 फरवरी, 2022 |
मकर से कुम्भ | : गुरुवार,31 मार्च, 2022 |
कुम्भ से मीन | : शनिवार,30 अप्रैल, 2022 |
मीन से मेष | : सोमवार,23 मई, 2022 |
मेष से वृषभ | : शनिवार,18 जून, 2022 |
वृषभ से मिथुन | : सोमवार,18 जुलाई, 2022 |
मिथुन से कर्क | : रविवार, 07 अगस्त, 2022 |
कर्क से सिंह | : बुधवार,31 अगस्त, 2022 |
सिंह से कन्या | : शनिवार,24 सितंबर, 2022 |
कन्या से तुला | : बुधवार,19 अक्टूबर, 2022 |
तुला से वृश्चिक | : शुक्रवार,11 नवंबर, 2022 |
वृश्चिक से धनु | : सोमवार,05 दिसंबर, 2022 |
धनु से मकर | : गुरुवार,29 दिसंबर, 2022 |
विभिन्न राशियों में शुक्र ग्रह का असर :
1. मेष राशि में शुक्र ग्रह : मेष राशि में शुक्र जातक को दोषी, दुष्प्रभाव, परस्त्रीगामी, वन में रहने वाला और स्त्री के कारण बंधन में पड़ने वाला बनाता है। ऐसा जातक एक कुशल सेनापति या ग्राम प्रधान भी होता है।
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2. वृषभ राशि में शुक्र ग्रह: वृषभ में शुक्र जातक को अनेक स्त्रियों का सुख भोगने वाला बनाता है। ऐसा जातक कृषक और रत्न वस्त्रादि से युक्त होता है। ऐसा जातक गौ सेवा करने के अलावा कभी कभी उसी से अपनी जीविका भी चलाता है। ऐसा व्यक्ति दानी होने के साथ ही बंधु पोषक, सुन्दर धनवान और अनेक प्राणियों का उपकारी होता है।
3. मिथुन राशि में शुक्र ग्रह : मिथुन राशि में शुक्र जातक को सुन्दर और कामवासना से युक्त बनाता है। ऐसा जातक विद्वान, कला शास्त्र में विख्यात, लिखने और काव्यरचना में चतुरता के अतिरिक्त लोकप्रिय भी होता है। गीत और नृत्य में रूचि होने के अलावा ऐसा जातक विद्या से धनलाभ करने वाला भी होता है। ऐसे जातक के कई मित्र होने के साथ है वह ब्राह्मण का भक्त भी होता है।
4. कर्क राशि में शुक्र ग्रह: कर्क में शुक्र जातक को बुद्धिमान, धर्मात्मा, पंडित और शांतचित्त वाला बनाता है। ऐसा जातक मुनियों के मत को मानने वाला, श्रेष्ठ और नीति शास्त्र का ज्ञाता होता है। यह स्त्री के कारण दुखी रहने वाला होता है। साथ ही मद्यपान के कारण रोग से पीड़ित और अपने स्कूल के दोस्त से दुखी रहता है।
5. सिंह राशि में शुक्र ग्रह : सिंह में शुक्र जातक को ससुराल पक्ष से मजबूत बनाता है। ऐसा जातक बंधू बांधव से घिरे रहने वाला और कई तरह के सुख होने के बावजूद दुखी रहता है। ऐसा व्यक्ति परोपकारी और गुरुजनों का आदर करने वाला होता है, वहीं ऐसे जाताक किसी बात को लेकर बहुत चिंता भी नहीं करते हैं।
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6. कन्या राशि में शुक्र ग्रह : कन्या में शुक्र जातक को चिंता करने वाला, सुकुमार, चतुर, परोपकारी और कला में निपुण बनाता है। यह सबका प्रिय होने के साथ ही अनेक प्रकार का कार्य करने वाला भी होता है। ऐसा जातक अन्य स्त्री में आसक्त रहने वाला और यात्रा करने वाला होता है। इन्हें अधिक कन्या संतान और अल्प पुत्र होता है। ऐसा व्यक्ति सभा में पंडित होता है।
7. तुला राशि में शुक्र ग्रह : तुला में शुक्र जातक को श्रम से धन उपार्जन करने वाला, वस्त्र भूषण प्रिय, प्रदेश वासी और अपने जन का रक्षक बनाता है। यह कठिन से कठिन कार्य में निपुण होने के साथ ही सामान्यतः धनी, पुण्यवान और देव ब्राह्मण की भक्ति में रत रहता है। इनका शरीर अत्यंत ही आकर्षक और कोमल होता है, जिस कारण लोग ऐसे जातक से तुरंत ही प्रभावित हो जाते है।
8. वृश्चिक राशि में शुक्र ग्रह : वृश्चिक में शुक्र जातक को निर्दयी बनाता है। ऐसे जातक धर्म में आस्था रखने वाला होने के बावजूद धर्म की अपने तरीके से व्याख्या करने वाला होता है। ऐसा जातक विवादी, सहोदरों से विरक्त, भाग्यहीन और शत्रु को जीतने वाला होता है। वहीं यदि यहां शुक्र अशुभ ग्रह के प्रभाव में हो तो ऐसा जातक पापी भी हो जाता है। ऐसा व्यक्ति हिंसक, दरिद्र, नीच और गुप्त रोग वाला होता है।
9. धनु राशि में शुक्र ग्रह : धनु में शुक्र जातक को धर्म, अर्थ और काम के फल से युक्त कार्य करने वाला बनाता है। अपने अच्छे कार्य के लिए ऐसा जातक समाज में लोकप्रिय होता है। सामान्यत: ऐसे लोग राज्यमंत्री पद से युक्त या सरकारी नौकरी करने वाले होते हैं। यह विद्वान और वाक्शक्ति के धनी होने के साथ ही मोटा और लंबा भी होता है।
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10. मकर राशि में शुक्र ग्रह : मकर में शुक्र जातक को खर्च से दुखी, दुर्बल शरीर, वृद्धा स्त्री में आसक्ति और हृदय का रोगी बनाता है। ऐसा जातक अधिकांशत: धनवान, विद्या से युक्त, भाषा का धुरंधर, धूर्त, चतुर और नपुंसक होता है। ऐसा व्यक्ति किसी दूसरे के कार्य में लगा रहता है, साथ ही कुछ जानकारों के अनुसार ऐसे लोगों को मूर्ख की श्रेणी भी रखा जाता है।
11. कुम्भ राशि में शुक्र ग्रह : कुम्भ में शुक्र जातक को अपने क्रोध के कारण दुखी बनाता है। ऐसा व्यक्ति व्यर्थ के कार्य में लगा रहता है। सामान्यत: ऐसा जातक अधर्मी, गुरुजन और संतान का शत्रु होता है। इनका रहन सहन साधारण होने के साथ ही इन्हें वस्त्रादि का शौक़ भी नहीं होता है।
12. मीन राशि में शुक्र ग्रह : मीन में शुक्र जातक को उदार और दानी बनाता है। वहीं ऐसा जातक गुणवान और धनवान होने के साथ ही शत्रु को पराजित करने वाला और लोक में प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला होता है। इसके अलावा ये श्रेष्ठ और विशेष कार्यकर्ता भी होता है। यह राजाओं का प्रिय और कुशल वक्ता भी होता है। ऐसा जातक बुद्धिमान, साधू जनों से ज्ञानधन और मान अर्जन करने वाला माना गया है।