SI भर्ती 2021: आज मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक, पेपर लीक पर फैसला, रद्द होगी परीक्षा या नहीं?

जयपुर में आज, 20 मई 2025 को, राजस्थान पुलिस उप-निरीक्षक (SI) भर्ती 2021 को लेकर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक सचिवालय के कमेटी रूम में आयोजित होगी. इस बैठक में समिति के सभी मंत्री, जिसमें संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल, गजेंद्र सिंह खींवसर, सुमित गोदारा, बाबूलाल खराड़ी, जवाहर सिंह बेधम, और मंजू बाघमार शामिल हैं, उपस्थित रहेंगे. बैठक का मुख्य उद्देश्य 2021 की SI भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक कांड के बाद उत्पन्न विवाद, भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता, रिक्त पदों की संख्या, चयन प्रणाली, और इससे जुड़े नियमों पर विस्तृत चर्चा करना है. यह बैठक लंबे समय से अटकी इस भर्ती प्रक्रिया को गति देने और राजस्थान हाईकोर्ट के 26 मई तक अंतिम निर्णय की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए अहम मानी जा रही है.
पेपर लीक और भर्ती विवाद का पृष्ठभूमि2021 में आयोजित राजस्थान पुलिस SI भर्ती परीक्षा में 859 पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू की गई थी. हालांकि, पेपर लीक के गंभीर आरोपों ने इस प्रक्रिया को विवादों में घेर लिया. विशेष कार्य बल (SOG), पुलिस मुख्यालय, और महाधिवक्ता (Advocate General) ने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की थी. इसके परिणामस्वरूप, करीब 50 चयनित उप-निरीक्षकों को गिरफ्तार किया गया और कुल 75 लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया गया. हालांकि कई को बाद में जमानत मिल गई. याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में भर्ती रद्द करने और मूल उम्मीदवारों के लिए पुनः परीक्षा की मांग की है जबकि चयनित प्रशिक्षु उप-निरीक्षकों का तर्क है कि उन्होंने मेहनत से परीक्षा पास की और पेपर लीक में उनकी कोई भूमिका नहीं थी.
हाईकोर्ट का दबाव और समय सीमाराजस्थान हाईकोर्ट ने 15 मई 2025 को SI भर्ती 2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को 26 मई तक अंतिम निर्णय लेने का निर्देश दिया था. जस्टिस समीर जैन ने सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि समय सीमा तक कोई फैसला नहीं लिया गया तो जिम्मेदार व्यक्तियों को परिणाम भुगतने होंगे. अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) विग्यान शाह ने कोर्ट को बताया कि 13 मई को प्रस्तावित उप-समिति की बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और एक मंत्री की बीमारी के कारण बाधित हो गई थी. इसके बाद, बैठक को पहले 21 मई और अब 20 मई को पुनर्निर्धारित किया गया. कोर्ट ने सरकार से 26 मई तक अंतिम जवाब की उम्मीद जताई है.
मंत्रिमंडलीय समिति की भूमिका और चर्चा के बिंदुजोगाराम पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उप-समिति को इस मामले की जांच और सुझाव देने का जिम्मा सौंपा गया है. समिति ने विशेष जांच दल (SIT), पुलिस मुख्यालय, और महाधिवक्ता की राय ली है. आज की बैठक में भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने, मूल उम्मीदवारों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित करने, या चयनित उम्मीदवारों को बनाए रखने जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, रिक्त पदों की सटीक गणना, और चयन प्रणाली में सुधार के लिए नियमों पर चर्चा होगी. गृह विभाग ने पहले ही भर्ती रद्द करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा पुनः परीक्षा आयोजित करने की सिफारिश की है, जिसे समिति आज अंतिम रूप दे सकती है.
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाइस मामले ने राजस्थान में व्यापक हलचल मचा दी है. जयपुर के शहीद स्मारक पर पिछले 20 दिनों से दो दर्जन से अधिक उम्मीदवार भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल ने भर्ती रद्द करने की मांग को तेज करते हुए सरकार और SOG पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने 25 मई को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है. दूसरी ओर, चयनित प्रशिक्षु उप-निरीक्षकों और कर्मचारी संगठनों ने भर्ती को यथावत रखने की मांग की है, यह तर्क देते हुए कि उनकी मेहनत को बर्बाद नहीं करना चाहिए.