Rajasthan

RNT मेडिकल कॉलेज में स्थापित होगा सिकल सेल वेलनेस हब; बीमारी के इलाज में मिलेगी मदद

उदयपुर: रवींद्रनाथ टैगोर (आरएनटी) मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में सिकल सेल वेलनेस हब की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) किया गया है. यह एमओयू नोवो नॉर्डिस्क इंडिया द्वारा स्थापित गैर-लाभकारी संगठन, नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन (एनएनईएफ) के साथ हुआ है. एमओयू पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और कंट्रोलर, डॉ. विपिन माथुर, और एनएनईएफ के मैनेजिंग ट्रस्टी, विक्रांत श्रोत्रिय ने हस्ताक्षर किए.

डॉ. पोसवाल ने इस पहल को भारत सरकार के राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2023 का एक हिस्सा बताया, जिसके तहत 2047 तक सिकल सेल रोग (एससीडी) को खत्म करने का लक्ष्य है. राजस्थान में स्थापित होने वाला यह सिकल सेल वेलनेस हब, विशेष रूप से आर्थिक रूप से विवश एससीडी पीड़ितों के लिए समग्र देखभाल की सुविधा प्रदान करेगा। इस हब में एससीडी से पीड़ित लोगों को समय पर निदान, देखभाल, निरंतर निगरानी, आहार समायोजन, और अन्य स्व-देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

बीमारी से निपटने के लिए करेंगे ये सुधारआरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि राजस्थान में सिकल सेल रोग का काफी बोझ है. हालांकि, अच्छे प्रबंधन से इस बीमारी की गंभीरता को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से निपटने के लिए हम सबसे उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके एक व्यापक स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण लागू करेंगे.

नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के साथ साझेदारीडॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि सिकल सेल रोग एक जेनेटिक हीमोग्लोबिन विकार है, जिसके लिए आजीवन प्रबंधन की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि जागरूकता, शिक्षा, और बेहतर निदान के माध्यम से एससीडी बोझ से निपटने के प्रयास में एनएनईएफ के साथ सहयोग करके खुशी हो रही है.

एससीडी से प्रभावित लोगों के लिए ‘सिकल सेल वेलनेस हब’एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए, एनएनईएफ के मैनेजिंग ट्रस्टी, विक्रांत श्रोत्रिय ने बताया कि भारत में 14 लाख वयस्क और बच्चे सिकल सेल रोग से पीड़ित हैं, जिनमें से जनजातीय समुदाय सबसे अधिक प्रभावित है। ‘सिकल सेल वेलनेस हब’ इस जानलेवा बीमारी का शीघ्र पता लगाने और निदान के लिए स्वास्थ्य सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Tags: Local18, Rajasthan news, Udaipur news

FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:24 IST

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