Sirohi News: 7500 मवेशियों की सेवा में जुटा है यह भव्य जैन तीर्थ क्षेत्र, 25 साल में पहुंचे 86 लाख श्रद्धालु
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Agency: Rajasthan
Last Updated:February 14, 2025, 09:38 IST
Sirohi News: सिरोही जिले के पावापुरी तीर्थ-जीवमैत्रीधाम को लेकर जैन धर्मावलंबियों गहरी आस्था है. जैन मंदिरों, कला, वास्तुकला और संस्कृति का एक शानदार उदाहरण पावापुरी जैन तीर्थ है. यह तीर्थ क्षेत्र यहां आने वाले…और पढ़ेंX
पावापुरी जैन मंदिर
प्रदेश के प्रमुख जैन तीर्थों में से एक सिरोही जिले के पावापुरी तीर्थ-जीवमैत्रीधाम को लेकर जैन धर्मावलंबियों गहरी आस्था है. जैन मंदिरों, कला, वास्तुकला और संस्कृति का एक शानदार उदाहरण पावापुरी जैन तीर्थ है. यह तीर्थ क्षेत्र यहां आने वाले भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देता है.
केपी संघवी समूह की ओर से धर्म, संस्कृति और समाज के उत्थान को ध्यान में रखते हुए जिले के रेवदर तहसील में पावापुरी मंदिर की स्थापना की गई थी. श्री कुमारपालभाई वी. शाह ने केपी संघवी ग्रुप के संस्थापक स्वर्गीय श्री हजारीमलजी पूनमचंदजी संघवी (बाफना) और स्वर्गीय श्री बाबूलालजी पूनमचंदजी संघवी (बाफना) को इस तीर्थ धाम के निर्माण के लिए प्रेरित किया. 30 मई 1998 को परिसर का निर्माण और विकास कार्य शुरू हुआ.भक्तों को अपने भीतर शांति खोजने, समाज के कल्याण में योगदान देने और अंततः सभी जीवित प्राणियों की सेवा करने के उद्देश्य से स्थापित ये मंदिर पूरे देश में जैन धर्मावलंबियों में विख्यात है. जैन धर्म के अलावा सभी धर्म के लोग दहन की सुंदरता और मंदिर की अद्भुत बनावट को निहारने आते हैं.
238 एकड़ में फैला मंदिर परिसरशुरुआत में निर्माण एक मंदिर और 100 गायों के लिए आश्रय के लिए कियाया गया था. लेकिन परिसर अब 238 एकड़ से अधिक भूमि पर फैल गया है, जो कम से कम 7,500 मवेशियों को आश्रय प्रदान करता है. क्षेत्र में स्थित पावड़ा कृषि कुएं के नाम पर परिसर में एक जैन तीर्थ (मंदिर परिसर) शामिल है और जीव रक्षा केंद्र (पशु कल्याण केंद्र) भी है. मंदिर के निर्माण में 400 कारीगरों ने अहम भूमिका निभाई थी. इस सुंदर मंदिर का काम करीब ढाई साल में पूरा होने के बाद 07 फरवरी 2001 पूजा के लिए खोल दिया गया.
मंदिरों के गुम्बद पर सोने की परतमंदिर परिसर छोटे गुंबद के आकार के मंदिरों से बना है. जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं. इन मंदिरों के गुंबदों को सोने की परत चढ़े कलशों से सजाया गया है. जो मंदिर परिसर को और ज्यादा आकर्षक बना देते हैं. इस स्थान के धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल को बढ़ाने के लिए परिसर में एक उद्यान और एक झील का भी निर्माण किया गया.
25 वर्ष में 86 लाख श्रदालुओ ने दर्शन किएश्री पावापुरी तीर्थ जीव मैत्री धाम ट्रस्ट की 24वीं बैठक श्रेष्ठिवर्य अमिश भाई विनोद भाई शाह के मुख्य आतिथ्य व चेयरमैन किशोर भाई संघवी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. इसमें ट्रस्ट के मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि 25 वर्ष में तीर्थ में 86 लाख 47 हजार 586 श्रदालु आए और 25 वर्षाे से प्रतिदिन औसत 1 हजार लोगों का आगमन होता है. 26 लाख 61 हजार 30 यात्रिको ने रात्रि विश्राम और 1 करोड़ 64 लाख 1073 यात्रिको ने भोजनशाला में भोजन किया. 25 वर्षाे से गोशाला में औसत 5719 गोवंश का लालन पालन का लाभ ट्रस्ट को मिला है. वर्ष 2024 में 3 लाख 15 हजार 446 यांत्रिक आए. इनमें से 73 हजार 191 ने रात्रि विश्राम किया.
Location :
Sirohi,Rajasthan
First Published :
February 14, 2025, 09:38 IST
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7500 मवेशियों की सेवा में जुटा है यह भव्य जैन तीर्थ क्षेत्र, जानें वजह