Sirohi News: पशुओं को तस्करी से बचाते हैं ये युवा, रेस्क्यू के साथ देखभाल का भी उठाते हैं जिम्मा

सिरोही: जिले में कुछ स्थानीय पशु प्रेमियों ने एक समूह बनाकर गुजरात ले जा रहे पशुओं को पकड़ा और उनकी सेवा शुरू की है. इन पशु प्रेमियों का समूह पुलिस की मदद से पशुओं को तस्करी से बचाने के साथ-साथ उनके खानपान की व्यवस्था भी कर रहा है. अब तक दो महीने में इस समूह ने 4 वाहनों में तस्करी किए जा रहे 81 भैंसों के बछड़ों को छुड़वाया है. इन बछड़ों को आकराभट्टा हाउसिंग बोर्ड में बनाए गए बाड़े में सुरक्षित रखा गया है, जहां कार्यकर्ता उनकी देखभाल कर रहे हैं.
समूह के सदस्य नयनेश खंडेलवाल ने बताया कि सिरोही जिला गुजरात सीमा से सटा हुआ है, जिसके कारण यहां से कई वाहनों में अवैध तरीके से पशुओं को बूचड़खाने में भेजा जाता है. कुछ महीनों पहले इस तस्करी को रोकने के लिए एक पहल की गई थी. पशु प्रेमी कार्यकर्ताओं को जोड़कर एक समूह बनाया गया. 22 सितंबर को भीमाणा में एक वाहन से 10 भैंसों और 23 सितंबर को चंद्रावती में दो पिकअप से 52 भैंसों को छुड़वाया गया था. इन घटनाओं में दो भैंसों की दम घुटने से मौत भी हो गई थी. 4 नवंबर को 19 भैंसों को एक पिकअप से छुड़वाया गया. इस अभियान का उद्देश्य पशु तस्करी को रोकना है. पुलिस की मदद से छुड़ाए गए पशुओं को सुरक्षित रखा गया है और जन सहयोग से उनकी देखभाल की जा रही है. कार्यकर्ता कोर्ट में भी इन पशुओं को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. यहां अभी 72 पशुओं की देखभाल की जा रही है. आम लोग भी इस कार्य में मदद कर सकते हैं.
पशु क्रूरता के साथ ले जाए जाते हैं जानवरपशुओं को पिकअप या छोटे वाहनों में ठूस-ठूसकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना कानूनी रूप से अवैध है. कई बार एक साथ कई पशुओं को ले जाने पर उनका दम घुटता है और उनकी मौत हो जाती है. साथ ही, इन पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था भी नहीं की जाती. यह पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अपराध है. नियमानुसार, किसी भी पशु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए प्रशासन से अनुमति लेना और पशुओं के चारे-पानी की व्यवस्था करना जरूरी है.
FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 17:32 IST