smart Lactation sensor to prevent infant overdose Researchers develop know benefits in hindi | बच्चों को दर्द निवारक दवाओं की ओवरडोज से बचाएंगे स्मार्ट सेंसर, लिवर को नहीं होगा नुकसान, रिसर्च में खुलासा

Last Updated:May 13, 2025, 13:10 IST
Smart Lactation Sensor: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने स्मार्ट लेक्टेशन सेंसर विकसित किया है जो शिशुओं को एसिटामिनोफेन के अत्यधिक संपर्क से बचाता है और स्मार्टफोन पर रीडिंग भेजता है.
अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक “स्मार्ट” लेक्टेशन सेंसर विकसित किया है. (Canva)
हाइलाइट्स
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने स्मार्ट लेक्टेशन सेंसर विकसित किया.सेंसर शिशुओं को एसिटामिनोफेन के ओवरडोज से बचाता है.सेंसर स्मार्टफोन पर वास्तविक समय की रीडिंग भेजता है.
Smart Lactation Sensor: अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक “स्मार्ट” लेक्टेशन सेंसर विकसित किया है. ये स्मार्ट सेंसर शिशुओं को आम दर्द निवारक एसिटामिनोफेन के अत्यधिक संपर्क से बचाने के लिए खास हैं. एसिटामिनोफेन को आमतौर पर प्रसव के बाद दर्द प्रबंधन के लिए उपयोग में लाया जाता है. अक्सर शिशुओं के बुखार के इलाज के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. बच्चों को सीधे दवा देने के अलावा मां के दूध से भी दवा मिलने की आशंका बनी रहती है, जिससे दवा के ओवरडोज का जोखिम बन सकता है. यह दवा बच्चों में लिवर फेलियर का प्रमुख कारण है और अमेरिका में लिवर प्रत्यारोपण का सबसे आम कारण है.
अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एसिटामिनोफेन सेंसर को एक साधारण नर्सिंग पैड में शामिल किया जाता है. यह स्तन के दूध में एसिटामिनोफेन का पता लगाता है.
स्तनपान कराने वाली माताओं की चुनौतियां
विश्वविद्यालय के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर मारल मौसवी ने कहा, “स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण संबंधी कमियों, स्तन-ऊतक संक्रमण – मास्टिटिस विकसित होने के जोखिम और उनके दूध के माध्यम से दवाओं और अन्य पदार्थों के संभावित हस्तांतरण सहित बहुत सारी स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.”
कपड़ों अंदर पहना जाता है सेंसर लेक्टेशन पैड
दूध में एसिटामिनोफेन के स्तर को मापने के लिए वर्तमान में उपलब्ध तरीके महंगे, जटिल और घर में नियमित उपयोग के लिए अनुपलब्ध हैं. टीम ने लेक्टेशन पैड पर ध्यान केंद्रित किया जो लीक होने वाले दूध को अवशोषित करने के लिए ब्रा के अंदर पहना जाता है.
कैसे संभव हो सकी रिसर्च
शोधकर्ताओं ने एक साधारण लैक्टेशन पैड लिया और दूध को संवेदी क्षेत्र में ले जाने के लिए छोटे माइक्रोफ्लूडिक चैनल बनाए. पैड पूरे दिन लेट-डाउन रिफ्लेक्स के दौरान स्वाभाविक रूप से निकलने वाले दूध को इकट्ठा करते हैं. वहां, कम लागत वाले इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर काम करते हैं और दूध में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मार्करों का पता लगाते हैं और मापते हैं. इसके बाद सेंसर एक कॉम्पैक्ट, पोर्टेबल डिटेक्टर के माध्यम से उपयोगकर्ता के स्मार्टफोन पर वास्तविक समय की रीडिंग भेजता है, जो ग्लूकोमीटर की तरह ही काम करता है, जो एसिटामिनोफेन के स्तर को मापने के लिए विद्युत पल्स का उपयोग करता है.
इस जानकारी के साथ उपयोगकर्ता कुछ निर्णय ले सकते हैं – जैसे कि दूध में मौजूद दवा को पंप करना और फेंकना – अपने बच्चे के लिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करना. शोधकर्ताओं ने एसिटामिनोफेन के विभिन्न स्तरों वाले मानव दूध के नमूनों का उपयोग करके सेंसर की सटीकता का परीक्षण किया. उन्होंने यह भी सत्यापित किया कि सेंसर एंटीबायोटिक दवाओं की उपस्थिति के साथ-साथ स्तन के दूध की बदलती संरचना पर भी काम करता है.
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