Rajasthan

29 जून से होगा बाबा अमरनाथ की बर्फीली यात्रा का आगाज, रजिस्ट्रेशन हुए शुरू, यात्रा के लिए यह दो जांच है अनिवार्य.. जानें पुरा प्रोसेस..

करौली. हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखने वाली बाबा अमरनाथ की 2024 की बर्फीली यात्रा इस बार 29 जून से शुरू हो रही है. ये 19 अगस्त तक चलेगी. यात्रा के लिए श्राइन बोर्ड ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं. हर साल बाबा अमरनाथ की इस यात्रा में श्रद्धा का अटूट भाव उमड़ता है. देश दुनिया से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं. पूर्वी राजस्थान के करौली से हर साल लगभग 3500 लोग इस यात्रा में जाते हैं. आइए जानते हैं कैसे होता है यात्रा का रजिस्ट्रेशन.

बाबा अमरनाथ की इस यात्रा के लिए सालभर श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. इसका अंदाज यात्रा की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से लगाया जा सकता है. इस बार 15 अप्रैल से ही यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था. लाखों की संख्या में रजिस्ट्रेशन आने के कारण बाबा अमरनाथ की यात्रा 15 जुलाई तक फुल हो गई है. बालटाल से 19 जुलाई तक स्लॉट भी पहले से ही बुक हैं.

यहां कराएं मेडिकल चैकअपइस यात्रा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से पहले मेडिकल चैकअप करवाना होता है. यात्री सिर्फ श्राइन बोर्ड के नियम अनुसार चुने गए सरकारी अस्पताल के फिजिशियन से ही ये चैकअप करवा सकते हैं. उसी का मेडिकल सर्टिफिकेट मान्य होगा.

-इसके बाद आप किसी भी ईमित्र केंद्र पर जाकर निर्धारित फीस ₹150 और अतिरिक्त चार्ज देकर यात्रा के लिए बालटाल या पहलगाम से चढ़ाई के लिए एक ऑप्शन चुन सकते हैं. ऑप्शन चुनने के बाद ही आपके पास रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आ जाएगा.

अमरनाथ यात्रा के लिए राजस्थान के 170 अस्पतालबाबा अमरनाथ की यात्रा पर जाने के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के अलावा दो आवश्यक जांच भी जरूरी हैं. इन दोनों जांच के नाम सीबीसी – ईसीजी है. स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और इन जांचों के लिए राजस्थान में करीब 170 सरकारी अस्पतालों को चुना गया. इनमें करौली सामान्य चिकित्सालय, हिंडौन सिटी जिला अस्पताल और उप जिला अस्पताल मंडरायल शामिल हैं.

क्यों जरूरी है यह जांचसीनियर फिजिशियन डॉ आशीष शर्मा ने बताया गर्म क्षेत्र से शीत प्रदेश में पहुंचने पर मौसम परिवर्तन के साथ कई कठिनाइयां हो जाती हैं. साथ ही इस यात्रा में पर्वतों पर चढ़ाई करते समय शरीर में ऑक्सीजन की भी मात्रा कम होने की आशंका रहती है. इससे सांस फूलने, कन्फ्यूजन, बेहोशी, छाती में दर्द जैसी स्थिति आ सकती है. इसलिए ऊंचे पहाड़ी वाले स्थान पर जाने से पूर्व छुपे हुए रोगों का पता लगाने के लिए सीबीसी – ईसीजी एवं चेस्ट एक्स-रे की जांच जरूर करानी चाहिए.

Tags: Amarnath Yatra, Karauli news, Local18

FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 22:12 IST

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