Solar Eclipse 2021 – 15 दिन में ही दूसरा ग्रहण, चंद्र ग्रहण के बाद अब 10 जून को सूर्य ग्रहण

साल का पहला ग्रहण 26 मई को हुआ जो कि चंद्र ग्रहण था और साल का दूसरा ग्रहण 10 जून को होने वाला है जो कि सूर्य ग्रहण है। इस साल कुल चार ग्रहण होने वाले हैं।

जयपुर
ग्रहण… वह भी एक के बाद एक दो और वह भी सिर्फ दो सप्ताह के अंतराल में। उस पर भी तुर्रा यह कि देश दुनिया कोरोना की जंग लड़ रही है ऐसे में आने वाले ग्रहण आग में घी का काम कर सकते हैं। दोनो ग्रहण देश दुनिया को प्रभावित करने वाले हैं। ऐसे में अब ग्रहण के दिखाई देने के आधार पर उसके अनुरुप फल सामने आ सकते हैं। साल का पहला ग्रहण 26 मई को हुआ जो कि चंद्र ग्रहण था और साल का दूसरा ग्रहण 10 जून को होने वाला है जो कि सूर्य ग्रहण है। इस साल कुल चार ग्रहण होने वाले हैं।
10 जून को लग रहा साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण
साल 2021 में 10 जून को पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। भारत, कनाडा, रूस, ग्रीनलैंड, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा। वर्ष 2021 का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर को लगेगा। दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। वर्ष 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवंबर को लग रहा है। यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत, उत्तरी यूरोप, अमेरिका, प्रशांत महासागर और ऑस्ट्रेलिया में देख पाएंगे।
सूर्य पिताण् प्रशासन और प्रबंधन का कारकए बचाव करना जरूरी
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य को पिता, प्रबंधन और प्रशासन का कारक माना जाता है। ग्रहण के प्रभाव से आगामी एक से छह माह तक राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ सकती है। विभिन्न देशों के सत्ता केंद्रो में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ज्योतिषाचार्य राजकुमार चतुर्वेदी का कहना है कि ग्रहण अपने प्रभाव जरुर छोड़ता है। अच्छी बात यह है कि भारत में बेहद ही आंशिक रहेगाए तो इस कारण भारत में ग्रहण का प्रभाव बेहद कम होगा। देश दुनिया में जहां ज्यादा प्रभाव होगा वहां सभी तरह की समस्याओं का सामना वहां के प्रबंधन यानि सरकार को करना पड सकता है। यह सूर्य ग्रहण गुरुवार को होगा। इसके प्रभाव से समाज के प्रतिष्ठित लोगों को यश मान की हानि हो सकती है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव से आगजनी, उपद्रव और विभिन्न प्रकार के भौगोलिक एवं राजनीतिक घटनाक्रम बन सकते हैं।