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Som Pradosh Vrat: Learn worship method and auspicious time | सोम प्रदोष व्रत: इस मुहूर्त में करें महादेव की पूजा, कई प्रकार के कष्टों से मिलेगी मुक्ति

डि​जिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत की काफी महिमा बताई गई है, इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। इस व्रत का नाम दिन के अनुसार पड़ता है, जैसे कि सोमवार को आने वाले प्रदोष को सोमप्रदोष के नाम से जाना जाता है। प्रदोष के साथ सोमवार का दिन होना भी एक संयोग है और इस दिन भगवान शंकर की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन शिव जी की पूजा से मानसिक शांति मिलने के साथ ही कई प्रकार के कष्ट भी दूर हो जाते हैं। 

सोम प्रदोष व्रत इस बार 24 मई को रवि योग में पड़ रहा है। सूर्यास्त के बाद रात्रि के आने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलाता है। मान्यतानुसार प्रदोष के दिन शिवजी कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का बखान करते हैं। शास्त्रों में भी प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन बताया गया है।

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शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत: 24 मई 2021 तड़के 03 बजकर 38 मिनट से
त्रयोदशी तिथि का समापन: 25 मई 2021 रात 12 बजकर 11 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 07 बजकर 10 मिनट से रात 09 बजकर 13 मिनट तक

प्रदोष व्रत सामग्री
प्रदोष व्रत पर भगवान की पूजा के लिए सफेद पुष्प, सफेद मिठाइयां, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र, जनेउ, जल से भरा हुआ कलश, धूप, दीप, घी,कपूर, बेल-पत्र, अक्षत, गुलाल, मदार के फूल, धतुरा, भांग, हवन सामग्री आदि, आम की लकड़ी की आवश्यकता होती है।

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