Why Would It Cost Around 73000 To Throw A Ball… Read The Full Maths – India vs New Zealand T20: एक बाॅल फेंकने में क्यों आएगा करीब 73000 का खर्च… यहां पढें पूरा गणित…

ग्राउंड में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा जांच के बाद ही अंदर प्रवेश करने दिया जाएगा और मेटल डिटेक्टर से प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाएगी।

जयपुर
राजधानी पर क्रिकेट का बुखार चढ़ रहा है। टी.20 विश्वकप में हालांकि भारतीय टीम अपने नाम के मुताबिक जलवा नहीं बिखेर पाई, लेकिन अब जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में 17 नवंबर को न्यूजीलैंड के साथ भारतीय टीम की टक्कर होगी। करीब आठ साल बाद यहां होने वाले अंतरराष्ट्रीय टी20 मुकाबले के दौरान सुरक्षा के लिए जयपुर पुलिस ने भी कमर कस ली है। सिर्फ चार घंटे के मैच के लिए यहां इतना खर्च होगा कि सोचा भी नहीं जा सका। चार घंटे के मैच के लिए करीब पौने दो करोड़ रुपए से दो करोड़ का खर्च आने वाला है। पुलिस अफसरों की मानें तो किसी भी मैच में जयपुर में होने वाला यह खर्च अब तक का सबसे ज्यादा है।
स्टेडियम के साथ ही जिस होटल में न्यूजीलैंड और भारतीय क्रिकेट टीमें ठहरी हैंए वहां पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैंण् दोनों ही क्रिकेट टीम बायो बबल में रह रही हैंण् जिसके चलते सुरक्षा को काफी कड़ा रखा गया हैण् खिलाड़ियों व टीम मैनेजमेंट के किसी भी सदस्य के पास परिंदा तक पर नहीं मार सकताण्
एटीएस, क्यूआरटी, कमांडोज और लाइन-थानों की पुलिस तैनात, महिला पुलिस टीम भी
सुरक्षा में जयपुर पुलिस के कमांडो और जवान तैनात किए गए हैं। साथ ही क्यूआरटी, एटीएस, एसटीएफ, हाड़ी रानी बटालियन और आरएसी बटालियन को भी सुरक्षा में तैनात किया गया है। करीब दो हजार पुलिसकर्मी सीधे सुरक्षा में लगाए गए हैं और करीब दो हजार पुलिसकर्मी स्टैंड बाई पर रखे गए हैं। यानि वे मैच के दौरान आसपास ही मौजूद रहेंगे। इन तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए आरसीए की ओर से तकरीबन 2 करोड़ रुपए की राशि चुकाई जाएगी।
हालांकि यह राशि बीसीसीआई की ओर से आरसीए को दी जाएगी और उसे आरसीए की ओर से जयपुर पुलिस के खाते में जमा करवाया जाएगा।
बायो बबल की सुरक्षा में तैनात क्विक रिस्पांस टीम के कमांडो
एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर हैदर अली जैदी ने बताया कि बायो बबल की सुरक्षा का जिम्मा क्विक रिस्पांस टीम के कमांडो को सौंपा गया है। कोई भी बाहरी व्यक्ति दोनों ही क्रिकेट टीम के किसी भी खिलाड़ी या टीम मैनेजमेंट से जुड़े हुए किसी भी सदस्य के नजदीक नहीं जा सकता। होटल से स्टेडियम तक प्रैक्टिस के लिए टीम को लाने.ले जाने के लिए जयपुर पुलिस की ओर से एस्कॉर्ट प्रदान की गई है। एस्कॉर्ट में ट्रैफिक पुलिस के साथ ही इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही मैच वाले दिन स्टेडियम में खिलाड़ियों का जिस गेट से प्रवेश होगा वहां पर ऊंची फेंसिंग लगाई जाएगी। ताकि बायो बबल की पालना हो सके और कोई भी खिलाड़ियों के आसपास न जा सके।
कहां कितनी पुलिस तैनात ऐसे समझें
मैच के दौरान एसएमएस स्टेडियम में पुलिस की तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। जिसके तहत सुरक्षा व्यवस्था में 1500 पुलिसकर्मियों को स्टेडियम के अंदर तैनात किया जाएगा। जिसमें 400 पुलिसकर्मी जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के और 1100 पुलिसकर्मी पुलिस मुख्यालय से मिली 5 कंपनियों के रहेंगे। स्टेडियम में चार गेट से खिलाड़ियों, वीवीआईपी और आमजन की एंट्री रहेगी। सबसे ज्यादा भीड़ टोंक रोड स्थित ईस्ट गेट से स्टेडियम में प्रवेश करेगी। जिसे देखते हुए ईस्ट गेट पर सुरक्षा में ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही अर्जुन की मूर्ति के पास रेलिंग लगाकर जिकजैक रास्ता बनाया जाएगा ताकि भीड़ को टोंक रोड पर जाने से रोका जा सके। इसी प्रकार अमर जवान ज्योति के पीछे स्थित साउथ गेट से वीवीआईपी और खिलाड़ियों की एंट्री रहेगी। जिसके चलते वहां पर भी सुरक्षा में ज्यादा फोर्स तैनात की गई है।
इसके साथ ही साउथ गेट के सामने स्थित तमाम ऊंची इमारतों पर पुलिस के जवान और कमांडो दूरबीन के साथ तैनात किए गए हैं। स्टेडियम में 4 मुख्य दरवाजे से प्रवेश करने के बाद 12 ब्लॉक में दर्शकों के प्रवेश करने के लिए 32 अलग.अलग गेट हैं। जहां पर सुरक्षा में सब इंस्पेक्टर, महिला पुलिसकर्मी और प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए जाएंगे। ग्राउंड में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा जांच के बाद ही अंदर प्रवेश करने दिया जाएगा और मेटल डिटेक्टर से प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाएगी।
तीन हजार कांस्टेबल और पांच हजार गार्ड का खर्च
पुलिस अफसरों ने बताया कि करीब तीन हजार रुपए कांस्टेबल के लिए और पांच हजार रुपए एसआई के लिए भुगतान करना होगा। साथ ही जो करीब एक हजार निजी गार्ड और बाउंसर लाए गए हैं उनके लिए पांच हजार रुपए प्रत्येंक के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। करीब पांच हजार सुरक्षा कर्मी होने वाले हैं। पुलिस के लिए करीब सवा करोड़ और निजी सुरक्षा के लिए करीब पचास लाख खर्च हो रहे हैं। अगर इस हिसाब से प्रति ओवर सुरक्षा की बात की जाए तो मैच मे होने वाले चालीस ओवर में से प्रत्येंक चार लाख 37 हजार पांच सौ और प्रत्येक बाॅल पर 72 हजार 917 रुपए की सुरक्षा व्यय होगा।