Startup Funding: ‘ट्राइबल वेदा’ को 50 लाख की फंडिंग, जामुन के स्पेशल प्रोडक्ट के लिए फेमस, डायबिटीज के मरीजों के लिए संजीवनी

Last Updated:March 10, 2025, 18:26 IST
Startup Funding: पाली जिले के बेड़ा गांव निवासी राजेश ओझा ने 2017 में गोगुंदा क्षेत्र में जामुन और सीताफल का पल्प बनाने का काम शुरू किया था. इस पहल को वर्ष 2021 में ‘ट्राइबल वेदा’ कंपनी के रूप में पंजीकृत किया …और पढ़ेंX
ट्राइबल वेदा
हाइलाइट्स
‘ट्राइबल वेदा’ को 50 लाख की फंडिंग5,000 से अधिक आदिवासी महिलाओं को रोजगारजामुन और सीताफल से तैयार किए जा रहे हैं उत्पाद
उदयपुर. उदयपुर जिले में वन उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने वाले स्टार्टअप ‘ट्राइबल वेदा’ को 50 लाख रुपये की फंडिंग मिली है. यह स्टार्टअप 48 गांवों की 5 हजार आदिवासी महिलाओं के साथ मिलकर जामुन और सीताफल जैसे फलों से पल्प और अन्य उत्पाद तैयार करता है.
गोगुंदा, कोटड़ा और कुंभलगढ़ से एकत्र किया जाता है जामुन इस स्टार्टअप के तहत गोगुंदा, कोटड़ा और कुंभलगढ़ क्षेत्र से जामुन और अन्य फल एकत्र किए जाते हैं. गोगुंदा के जसवंतगढ़ में इनका कलेक्शन और प्रोसेसिंग सेंटर स्थापित किया गया है, जहां पल्प तैयार किया जाता है. इसके बाद पल्प को उदयपुर लाकर विभिन्न उत्पादों में बदला जाता है, जिन्हें ऑनलाइन और बड़े बाजारों में बेचा जाता है.
शार्क टैंक में किया गया था आमंत्रित टीवी शो के जरिए मिली फंडिंग स्टार्टअप के फाउंडर रितेश अग्रवाल और उनकी पत्नी पूजा ओझा को एक नामी टीवी शो शार्क टैंक में आमंत्रित किया गया था. इस कार्यक्रम में विभिन्न कंपनियां और संस्थान अच्छे स्टार्टअप्स को फंडिंग देते हैं. शो के दौरान एक प्राइवेट होटल कंपनी ने ‘ट्राइबल वेदा’ को 50 लाख रुपये की फंडिंग दी.
नए पौधे लगाने पर भी जोर महिलाओं को मिलेगा अधिक रोजगार स्टार्टअप के को-फाउंडर राजेश ओझा ने बताया कि इस फंड से मार्केटिंग, रिटेल चैन, प्रोसेसिंग सेंटर और ट्रेनिंग पर काम किया जाएगा. इसके साथ ही नए पौधे लगाने पर भी जोर दिया जाएगा, जिससे भविष्य में उत्पाद की उपलब्धता बनी रहे और अधिक महिलाओं को रोजगार मिल सके.
जामुन और सीताफल से तैयार किए जा रहे उत्पाद फिलहाल, स्टार्टअप का मुख्य उत्पाद जामुन है. इससे जामुन स्ट्रिप, जामुन सिरका, ग्रीन टी, जामुन सीड पाउडर जैसे कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए जामुन सीड पाउडर की मांग अधिक रहती है, जिससे इसकी बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है.
2017 में हुई थी शुरुआत, 2021 में कंपनी बनी पाली जिले के बेड़ा गांव निवासी राजेश ओझा ने 2017 में गोगुंदा क्षेत्र में जामुन और सीताफल का पल्प बनाने का काम शुरू किया था. इस पहल को वर्ष 2021 में ‘ट्राइबल वेदा’ कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया. वर्तमान में यह कंपनी 5,000 से अधिक आदिवासी महिलाओं को रोजगार दे रही है.
Location :
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
First Published :
March 10, 2025, 18:26 IST
homerajasthan
‘ट्राइबल वेदा’ स्टार्टअप को 50 लाख की फंडिंग, 5000 आदिवासी महिलाओं को रोजगार