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35 साल बाद घर में लाडो जन्मी तो दादा ने किया ग्रैंड वेलकम, 7 लाख खर्च कर हेलिकॉप्टर से लाये पोती को Rajasthan News- Nagaur News- Daughter born at home after 35 years- grandfather brought her to helicopter

दादा मदनलाल का कहना है कि उसने यह पहले ठान रखा था कि जब भी उनके घर में पोती का जन्म होगा तो वे उसे हेलिकॉप्टर से अपने घर लायेंगे.

दादा मदनलाल का कहना है कि उसने यह पहले ठान रखा था कि जब भी उनके घर में पोती का जन्म होगा तो वे उसे हेलिकॉप्टर से अपने घर लायेंगे.

Beti Bachao- Beti Padhao : राजस्थान के नागौर के एक किसान परिवार में करीब 35 साल बाद जब बेटी का जन्म हुआ तो इस परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. लाडो के जन्म से उत्साहित उसके दादा-दादी उसे हेलिकॉप्टर (Helicoptar) से घर लेकर आये.

नागौर. राजस्थान के नागौर जिले के निम्बड़ी चांदावता गांव में एक घर में 35 साल बाद जब लाडो (Girl) का जन्म हुआ तो उस परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. खुशी भी इतनी कि इस नन्हीं जान के ग्रैंड वेलकम (Grand welcome) के लिये दादा ने अपनी सालभर की पूरी फसल बेच डाली और सात लाख रुपये किराया चुका कर हेलिकॉप्टर (Helicoptar) से अपनी पोती को उसके ननिहाल से घर लाये. इस दौरान दादा ने पोती के स्वागत में गांव की गलियों में फूल ही फूल बिछा दिये. राजस्थान में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का शायद इससे बड़ा उदाहरण मिलना मुश्किल है.

लाडो के जन्म और उसके स्वागत का यह बेदह दिलचस्प मामला चांदावता गांव का है. इस गांव के हनुमानराम प्रजापत की पत्नी चुका देवी ने 3 मार्च 2021 को अपने पीहर नागौर जिले के ही गांव हरसोलव में बेटी को जन्म दिया. पोती होने का समाचार मिलने पर हनुमानराम के पिता मदनलाल प्रजापत और मां मुन्नीदेवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. दादा-दादी ने अपनी पोती का ग्रांड वेलकम करने की ठानी. बच्ची का नाम रिया रखा गया.

दादा ने चार लाख की फसल बेच डाली
रिया के दादा मदनलाल प्रजापत ने तय किया पोती रिया और बहू को हेलीकॉप्टर से घर गांव निम्बड़ी चांदावता लाया जाएगा. मदनलाल बेहद साधारण परिवार से है. यह परिवार 80 बीघा जमीन पर खेती कर जीवनयापन करता है. आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है, लेकिन अच्छी सोच के चलते सब कुछ संभव हो गया. मदनलाल ने जब पोती रिया को हेलीकॉप्टर लाने की ठानी तो पता चला कि कम से कम सात लाख रुपए खर्च आएगा. लाखों रुपये के खर्चे की सोचकर भी मदनलाल प्रजापत का परिवार पीछे नहीं हटा. उसने तुरंत अपनी मैथी, सरसों और जीरे की फसल बेची. फसल बेचने से चार लाख रुपए जुटाए. शेष जमा पूंजी में से खर्च किए.सात लाख रुपये खर्च हुये हेलिकॉप्टर से पोती को लाने में

मदनलाल प्रजापत का यह फैसला उस वक्त सुर्खियों में आया जब इस परिवार ने नागौर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी के यहां हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति चाहने के लिए आवेदन किया. मंजूरी मिली तो गांव निम्बड़ी और हरसोलाव के खेतों में अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया. पुलिस और दमकल का भी इंतजाम हुआ. इसमें करीब डेढ़ लाख खर्च हुआ. शेष साढ़े पांच लाख रुपए हेलीकॉप्टर बुक करने व प्रीतिभोज में लगाये.

फूलों से सजाया हेलिपैड से घर तक के रास्ते को
गांव निम्बड़ी चांदावता से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित हरसोलाव गांव से हनुमानराम प्रजापत और उसकी पत्नी चुका देवी नवजात बेटी रिया को गोद में लेकर हेलीकॉप्टर में सवार हुये. इन्हें साथ लेकर ये लोग दोपहर दो बजे वापस गांव निम्बड़ी चांदावता पहुंचे. यहां पर हेलीपेड से लेकर सजे रास्ते से होते हुये रिया को बैंड बाजे के साथ घर लाया गया.

दादा मदनलाल बोले पहले ठान रखा था
रिया के पिता हनुमान राम प्रजापत ने बताया कि उनके परिवार में 35 साल बाद बेटी जन्मी है. रिया से पहले 35 साल पूर्व बहन तीजा का जन्म हुआ था. दादा मदनलाल का कहना है कि उसने यह पहले ठान रखा था कि जब भी उनके घर में पोती का जन्म होगा तो वे उसे हेलिकॉप्टर से अपने घर लायेंगे.

(रिपोर्ट- महेन्द्र विश्नोई)





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