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Last Updated:April 20, 2025, 16:53 IST

राजस्थान के बाली की रहने वाली खुशी जणवा ने जेईई मेन्स परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. नेकाराम जणवा चौधरी की बेटी खुशी ने ऑल इंडिया ओबीसी वर्ग में 12987वीं रैंक प्राप्त की है. खुशी ने कोटा में रहकर जेईई…और पढ़ेंपिता के संघर्षों ने दिया हौसला, फिर बेटी ने जेईई मेंस में पाई सफलता

बाली के रहने वाले खुशी ने रचा इतिहास

हाइलाइट्स

पाली की खुशी जणवा ने जेईई मेंस में 12987वीं रैंक हासिल की.खुशी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया.खुशी ने बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया.

पाली:- किसी ने सही ही कहा है कि मेहनत, लगन और विश्वास मजबूत हो, तो बड़ी से बड़ी जंग भी जीती जा सकती है. ऐसी ही जंग को जीतने का काम किया है राजस्थान के पाली जिले में आने वाले बाली क्षेत्र की रहने वाली खुशी जणवा ने, जिसने सबसे टफ मानी जाने वाली जेईई मेंस परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल कर अपने परिवार का नाम रोशन करने का काम किया है.

खुशी ने ऑल इंडिया ओबीसी वर्ग में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त कर परिवार का सिर गर्व से ऊंचा करने का काम किया है. खुशी अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती है, क्योंकि उन्होंने उसे हमेशा प्रेरित किया और आगे बढने में मदद की है.

ऑल इंडिया ओबीसी वर्ग में प्राप्त की 12987वीं रैंकराजस्थान के बाली की रहने वाली खुशी जणवा ने जेईई मेन्स परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. नेकाराम जणवा चौधरी की बेटी खुशी ने ऑल इंडिया ओबीसी वर्ग में 12987वीं रैंक प्राप्त की है. खुशी ने कोटा में रहकर जेईई मेन्स की तैयारी की. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. खुशी के अनुसार, उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और सरकारी सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया.

बेटियों को प्रेरित करने की खुशी की अपीलअपने माता-पिता के सपने को पूरा करने का काम बाली की रहने वाली खुशी ने किया है. खुशी ने अन्य बालिकाओं के माता-पिता से अपील की है कि वे अपनी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करें. उनका मानना है कि शिक्षा के माध्यम से बालिकाएं सरकारी सेवा में जाकर आत्मनिर्भर बन सकती हैं. खुशी के पिता नेकराम लोकल 18 को बताते हैं कि मैं प्राइवेट नौकरी करके बेटी को पढ़ा लिखाकर आज इस काबिल बनाया है. जिससे आज वह इस परीक्षा को न केवल क्लियर कर पाई, बल्कि आगे अपने सभी सपनों को साकार करने में उसको मदद मिल सके.

First Published :

April 20, 2025, 16:53 IST

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पिता के संघर्षों ने दिया हौसला, फिर बेटी ने जेईई मेंस में पाई सफलता

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