Mining Policy Should Increase The Reservation Of Mines For Dalit Youth – नई खनन नीति दलित युवा को खान आरक्षण बढ़ाने वाली हो

खान मंत्री ( Mines Minister ) प्रमोद भाया ने राज्य में खनिज की अपार सम्पदा ( mineral wealth ) को अच्छे ढंग से दोहन करने के लिए विभाग की भूवैज्ञानिक शाखा ( Geological branch ), ड्रिलिंग शाखा व प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, ताकि खनिज खोज के काम को गति देते हुए नये खनिज खोजे ( mineral exploration ) जा सके।

जयपुर। खान मंत्री प्रमोद भाया ने राज्य में खनिज की अपार सम्पदा को अच्छे ढंग से दोहन करने के लिए विभाग की भूवैज्ञानिक शाखा, ड्रिलिंग शाखा व प्रयोगशाला को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए, ताकि खनिज खोज के काम को गति देते हुए नये खनिज खोजे जा सके। खान मंत्री ने मुख्यमंत्री की भावना के अनुरूप बहुत ही आकर्षक व देश की अग्रणी खनिज नीति बनाने के निर्देश दिए और स्पष्ट रूप से अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी खनिज नीति बनानी है, जिससे निवेशक आकर्षित हो, रोजगार बढ़े और साथ ही नई नीति में ऐसा रास्ता निकाला जावे कि समाज के पिछड़े अनुसूचित जाति, जनजाति के साथ-साथ युवा, नये स्टार्टअप कर सकने वाले युवा उद्यमी व महिलाओं को विशेष रूप से खान आवंटन में आरक्षण का प्रावधान किया जा सके, ताकि यह वर्ग भी समाज में कन्धे से कन्धे से मिलाकर आगे बढ़ सके।
खान मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी सप्ताह ही विभाग की समीक्षा बैठक में राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति में देश में सबसे अग्रणी, रोजगारपरक, राजस्व बढ़ाने वाली, सरलीकृत और देश दुनिया में राजस्थान की खनिज संपदा की खोज और खनन को बढ़ावा देने वाली नीति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कोविड की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सामान्य वर्ष के अप्रेल मई की तुलना में इस वित्तीय वर्ष के अप्रेल-मई में खनन गतिविधियों के सुचारु संचालन और अधिक राजस्व संग्रहण के लिए अधिकारियों को बधाई दी। अवैद्य खनन और ओवरलोडिंग आदि के कारण हो रही राजस्व छीजत पर प्रभावी रोक लगाने के लिए विभाग के सतर्कता विंग का सशक्तिकरण करते हुए फूलप्रूफ सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसमें खनिज परिवहन वाहनों का खनिज विभाग में रजिस्ट्रेशन से लेकर जीपीएस जैसी व्यवस्थाओं लागू करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
राज्य सरकार के संवेदनशील प्रयासों से तीन बजरी लीज जारी की जा चुकी है। एमसेंड नीति लाई गई है और जल्दी ही इस समस्या के समाधान की दिशा में और संभावनाएं तलाशी जा रही है। राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति का प्रारूप अंतिम चरण में हैं। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, महिलाओं, विकलांगों और तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को माइंस आवंटन में आरक्षण पर विचार किया जा रहा है। इससे समाज के कमजोर व पिछड़े वर्ग के लोगों की भागीदारी तय होने के साथ ही तकनीकी विशेषज्ञ युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा में अवैद्य खनन को रोक कर वैद्य खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ उच्च स्तरीय समन्वय बना कर समाधान निकाला जाएगा। खनन क्षेत्र से जुड़े श्रमिकों और कामगारों को सिलिकोसिस बीमारी से बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि लाइम स्टोन के आठ ब्लॉकों का आरक्षण किया गया है वहीं प्राथमिकता के आधार पर माइंस के नए ब्लॉक्स विकसित किए जा रहे हैं। बंशी पहाड़पुर में आरक्षण की राह प्रशस्त की है वहीं इसी तरह के अन्य प्रकरणों के निराकरण के लिए विभाग द्वारा केन्द्र सरकार व संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं।