summer skin rashes vaginal burn dehydration prevention tips for women in hindi say doctor meera pathak | सावधान… महिलाओं पर बढ़ती गर्मी ढा सकती कहर! सबसे ज्यादा इन 4 बीमारियों का जोखिम, डॉक्टर ने बताए बचाव के उपाय

Female Health Issue in Summer: गर्मियों का मौसम अपने साथ कई चुनौतियों को लेकर आती है. इस मौसम में तमाम ऐसी बीमारियां हैं जो आपको आसानी से शिकार बना सकती हैं. खासकर महिलाओं को. इसलिए स्थिति के अनुसार अपने हेल्थकेयर रुटीन में बदलाव की भी जरूरत होती है. डॉक्टर की मानें तो, गर्मियों में फीमेल प्रॉब्लम्स, डिहाइड्रेशन, इन्फेक्शन, त्वचा संबंधी समस्याएं सामान्य दिनों के मुकाबले ज्यादा देखने को मिलती हैं. ऐसी स्थिति में महिलाओं को विशेष सावधानी बतरने की आवश्यकता है.
गर्मियों में होने वाली ये बीमारियां वैसे तो काफी सामान्य होती हैं, लेकिन अगर इन बीमारियों का समय पर ध्यान और इलाज नहीं कराया गया, तो इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. अब सवाल है कि आखिर गर्मियों में महिलाओं को कौन सी परेशानियां अधिक होती हैं? गर्मी में होने वाली फीमेल प्रॉब्लम्स से कैसे करें बचाव? इस बारे में को बता रही हैं नोएडा के सीएचसी भंगेल में सीनियर मेडिकल ऑफिसर एवं गायनेकोलॉजिस्ट (सर्जन) डॉ. मीरा पाठक-
गर्मियों में महिलाओं को होने वाली परेशानियां
1. स्किन रैशेज: डॉ. पाठक बताती हैं कि, गर्मियों में महिलाओं की स्किन काफी सेंसिटिव हो जाती है. इससे उन्हें स्किन से जुड़ी समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ता है. खासकर टाइट अंडर गारमेंट्स की वजह से बिकनी लाइन रैशेज की समस्या लगभग हर महिला को झेलनी पड़ती है. बता दें कि, इस एरिया में पसीना ज्यादा इकट्ठा होता है और फिर सूख भी नहीं पाता है. इससे स्किन में रैशेज आने लगते हैं.
ऐसे करें बचाव: स्किन रैशेज से बचने के लिए कॉटन के लाइट और ढीले कपड़े पहनें. इसके अलावा, महिलाओं के बाल बंधे होने से सिर में पसीना इकट्ठा होता है, जिससे बाल चिपचिपे हो जाते हैं. इससे स्कैल्प में खुजली और रूसी के साथ हेयरफॉल की परेशानी बढ़ती हैं. ऐसे में बालों को 2-3 दिन में धोते रहें.
2. वजाइनल बर्न: महिलाओं को गर्मी में वजाइनल बर्न की समस्या भी देखी जाती है. एक्सपर्ट की मानें तो, ऐसा बैक्टीरियल इन्फेक्शंस और पानी की कमी के कारण हो सकता है. यह समस्या उन महिलाओं में अधिक देखने को मिलती हैं जो कैफीन का अधिक मात्रा में करती हैं. दरअसल, कैफीन शरीर में जाने से शरीर में मौजूद पानी सोखता है. इससे यूरिन ज्यादा कन्सन्ट्रेट हो जाता है और उसका रंग भी गहरा होने लगता है.
ऐसे करें बचाव: यदि किसी महिला में वजाइनल बर्न से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखे तो अपने डायट में लिक्विड की मात्रा तुरंत बढ़ा देनी चाहिए. इसके साथ ही गर्मी के मौसम में जहां तक संभव हो चाय या कॉफी का सेवन कम से कम करना चाहिए. हीट रैशेज से बचने के लिए दिन में कम से कम दो बार जरूर नहाएं. ऐसा करने से बीमारी से बचाव संभव है.
3. हॉट फ्लैशेज: एक्सपर्ट के मुताबिक, यह समस्या उन महिलाओं में देखने को मिलती है, जो मेनोपॉज के दौर से गुजर रही होती हैं. उनके चेहरे, गर्दन और छाती के आसपास के एरिया में तेज गर्मी महसूस होती है. इसके अलावा, थकान, धड़कनों का असामान्य हो जाना, अपर बॉडी में अचानक तेज पसीना आने लगना जैसी चीजें देखने को मिलती हैं.
ऐसे करें बचाव: महिलाओं में हॉट फ्लैशेज की समस्या गर्मियों में अधिक बढ़ जाती है. इससे बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा हेल्दी लिक्विड जैसे नारियल पानी, मौसमी फलों का जूस आदि पीते रहना चाहिए.
4. डिहाइड्रेशन: गर्मियों में यह समस्या महिला-पुरुष दोनों में समान रूप से देखी जाती है, लेकिन महिलाओं में डिहाइड्रेशन कई बार और भी बड़ी समस्याओं को जन्म देने लगता है. पानी की कमी से कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है. खासकर इससे महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) की समस्या होने आम बात है.
ऐसे करें बचाव: गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन का जोखिम अधिक बढ़ता है. इससे बचने के लिए महिलाओं को ज्यादा से पानी पीने की आदत डालनी चाहिए और अपने जेनिटल हाइजीन का भी खास ख्याल रखना चाहिए.