Sur Sangam Competition 34th National Youth Music Festival Jaipur | मोइन को मिला मिलाप कोठारी स्मृति अवॉर्ड
समारोह के मेगा फाइनल के बाद पुरस्कारों की घोषणा की गई। गायन के सभी रूपों में अपना कौशल दिखाने वाले मोइन को मिलाप कोठारी स्मृति अवॉर्ड प्रदान किया गया। मोइन मूल रूप से बीकानेर के हैं और वर्तमान में कोलकाता में रहकर संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं। जवाहर कला केंद्र व कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से हुए समारोह में देशभर के युवा सुर साधकों ने शास्त्रीय व उप शास्त्रीय गायन, लोग संगीत और सुगम संगीत में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। विजेताओं को सुर संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.सी. मालू, सचिव मुकेश अग्रवाल, प्रतियोगिता के निर्णायक पं. भवदीप जयपुरवाले, भावना कडूसकर और चेतना बनावत ने सम्मानित किया।
इन्हें भी मिले अवॉर्ड
विभिन्न श्रेणियों में प्रथम रहने वाली प्रतिभाओं को अमरीका निवासी निर्मल तारा सेठिया की ओर से 25-25 हजार के चार पुरस्कार दिए गए। इनमें लोक गायन में रीवा की अतिशी तिवारी, सुगम गायन में दिल्ली की सरताज केसर, उप-शास्त्रीय गायन में सतना की आरती शुक्ला और शास्त्रीय गायन में वाराणसी के अक्षत प्रताप सिंह शामिल है। गणेश राणा की ओर से सुगम गायन का 51 हजार रूपए का सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड वाराणसी की प्रियंका सेहवाल को दिया गया। ध्रुवपद मार्तंड पं. लक्ष्मण भट्ट तैलंग की स्मृति में शास्त्रीय गायक जयपुर के हुल्लास पुरोहित को 11 हजार रूपए का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह विभिन्न विधाओं में द्वितीय रहने वाली प्रतिभाओं को पृथ्वीराज बापना की ओर से 10-10 हजार के तीन अवॉर्ड दिए गए। ये अवार्ड शास्त्रीय गायन में वाराणसी की श्रीदेवी सरवनी, जयपुर की मीना गुर्जर तथा बीकानेर के वैभव पारीक को मिले।
रियलिटी शो में जो गाया जाता है, वह असल नहीं
निर्णायक मंडल में शामिल पं. भवदीप जयपुरवाले ने कहा कि रियलिटी शो में जो गाया जाता है, वह असल नहीं है। युवा कलाकारों को सुर संगम प्रतियोगिता का लाभ मिलेगा। परिवार के जैसे माहौल में युवा कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। वहीं चेतना बनावत ने कहा कि सीखना कितना मुश्किल है, इस समारोह में संगीत की अच्छी टिप्स मिलती है। यह सीखने का प्लेटफार्म है।