हर वक्त उदासी से घिरे रहते हैं? यह हो सकता है ‘Double Depression’ का लक्षण, हल्के में न लें, जानें लक्षण और निपटने के उपाय

Signs Of Double Depression: कभी-कभी हम बहुत दिनों तक खुद को दुखी, थका हुआ और खाली-खाली सा महसूस करते हैं. लगता है जैसे खुश रहने की वजहें खत्म हो गई हैं. फिर कई बार ऐसा लगता है कि ये तो सामान्य सा दुख है, लेकिन जब ये हालत लंबे समय तक बनी रहती है और धीरे-धीरे और भी ज्यादा गहराने लगती है, तो यह हालात मानसिक सेहत के लिए गंभीर बन जाता है, जिसे आप ‘डबल डिप्रेशन‘ कह सकते हैं. यानी पहले से हल्का डिप्रेशन था और उस पर अचानक एक और बड़ा डिप्रेशन हावी हो गया. यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि इसे समझकर और सही इलाज की मदद से इससे बाहर निकला जा सकता है.
क्या होता है डबल डिप्रेशन?इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘डबल डिप्रेशन’ तब होता है जब किसी व्यक्ति को पहले से दीर्घकालिक हल्का डिप्रेशन(Persistent Depressive Disorder) हो, और उस पर अचानक गंभीर डिप्रेशन(Major Depressive Episode) का अटैक हो जाए. यानी व्यक्ति पहले ही लंबे समय से उदासी और निराशा की स्थिति में था, और फिर उसकी हालत अचानक और बिगड़ जाए.
डिप्रेशन के मुख्य प्रकार–-मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर(Major Depressive Disorder) में इंसान दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक गहरी उदासी, निराशा, और किसी भी चीज़ में रुचि न रहना जैसे हालात से गुजरता है.– पर्सिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर(Persistent Depressive Disorder) में हल्का लेकिन लंबे समय तक यानी कम से कम 2 साल तक इंसान डिप्रेशन में रहता है.-डिसरप्टिव मूड डी रेगुलेशन डिसऑर्डर(Disruptive Mood Dysregulation Disorder) आमतौर पर बच्चों और किशोरों में देखने को मिलता है जिसमें अत्यधिक गुस्सा और चिड़चिड़ापन से भरा डिप्रेशन के लक्षण नजर आते हैं.-प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर(Premenstrual Dysphoric Disorder) यानी कि मासिक धर्म से पहले गंभीर मूड स्विंग्स और डिप्रेशन.
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डबल डिप्रेशन के क्या हैं लक्षण-डबल डिप्रेशन में इंसान पहले से चल रहे हल्के डिप्रेशन की स्थिति से बाहर नहीं निकल पाता और अचानक उसकी मानसिक स्थिति और बिगड़ने लगती है. इसके लक्षणों की बात करें तो हमेशा थकान महसूस करना, नींद की समस्या, आत्ममूल्य में गिरावट, निरंतर उदासी, जीवन के प्रति निराशा, आत्महत्या के विचार, डबल डिप्रेशन का इलाज.
इस स्थिति से निपटने के लिए इलाज की क्या है प्रक्रियाइस स्थिति में साइकोथेरेपी जैसे कि Cognitive Behavioral Therapy (CBT) या इंटरपर्सनल थेरेपी बेहद प्रभावी मानी जाती हैं.इसके अलावा, एंटीडिप्रेसेंट्स दवाएं आमतौर पर दिए जाते हैं. कभी-कभी दोनों तरह के डिप्रेशन को एक साथ ट्रीट करने के लिए दवा में बदलाव की जरूरत होती है. इसके अलावा, लाइफस्टाइल बदलाव, यानी नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन, पर्याप्त नींद और मेडिटेशन आदि की मदद से मेंटल हेल्थ में सुधार का प्रयास किया जाता है. अगर हालात बहुत खराब हो जाए तो ब्रेन स्टिमुलेशन थैरेपी का सहारा लिया जाता है.
कैसे करें पहचान–अगर आप या आपके किसी जानने वाले को लंबे समय से उदासी है और अब हालात और बिगड़ते जा रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें. डबल डिप्रेशन पहचानना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर रोजमर्रा की थकान या स्ट्रेस जैसे लगते हैं. ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है.
याद रखें, डबल डिप्रेशन मेंटल हेल्थ का एक गंभीर रूप है, लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज से इसे पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है. खुद को दोषी महसूस करने के बजाय मदद लेना और अपने मेंटल हेल्थ को प्राथमिकता देना ही पहला और सबसे जरूरी कदम है.