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आखिर क्यों पत्नी ने दिया शनि देव को श्राप? इस कथा से दूर होगा धन का संकट

पौराणिक ग्रन्थ ब्रह्मपुराण के अनुसार, बाल्यकाल से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे. वे भगवान श्रीकृष्ण के अनुराग में निमग्न रहा करते थे. युवावस्था में उनके पिताश्री ने उनका विवाह चित्ररथ की कन्या से करवा दिया. उनकी पत्नी सती, साध्वी एवं परम तेजस्विनी थी. एक रात्रि वह ऋतु स्नान कर पुत्र प्राप्ति की इच्छा लिए शनिदेव के पास पहुंची, पर देवता तो भगवान श्रीकृष्ण के ध्यान में लीन थे. उन्हें बाह्य संसार की सुधि ही नहीं थी. उनकी पत्नी प्रतीक्षा करके थक गई. उनका ऋतु काल निष्फल हो गया. इसलिए उन्होंने क्रुद्ध होकर शनिदेव को श्राप दे दिया कि आज से जिसे तुम देखोगे, वह नष्ट हो जाएगा.