Bjp Year Ender : उप चुनाव में मिली हार, गुटबाजी दिखी बेशुमार, कटारिया के बयान से तकरार | Bjp Year Ender Defeat In Bye Election Vasundhara Raje Satish Poonia

भाजपा के लिहाज से वर्ष 2021 संघर्षमय रहा। पार्टी को उप चुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ा। पूरे साल पार्टी गुटबाजी के भंवर में फंसी नजर आई। उधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को दिए बयान को लेकर तकरार भी नजर आई।
जयपुर
Published: December 26, 2021 08:09:02 pm
जयपुर। भाजपा के लिहाज से वर्ष 2021 संघर्षमय रहा। पार्टी को उप चुनाव में हार का स्वाद चखना पड़ा। पूरे साल पार्टी गुटबाजी के भंवर में फंसी नजर आई। उधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को दिए बयान को लेकर तकरार भी नजर आई।

Bjp Year Ender : उप चुनाव में मिली हार, गुटबाजी दिखी बेशुमार, कटारिया के बयान से तकरार
पूरे सालभर की बात की जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के बीच की सियासी दूरी कम होती नहीं दिखी। राजे की उपचुनाव, निकाय और पंचायत राज चुनाव से दूरियां चर्चा में रही तो जिलों की ‘निजी’ यात्राएं सुर्खियों में रही। नड्डा और शाह की सीख भी प्रदेश नेताओं को एक जाजम पर लाने में कारगार कम ही दिखी।
रोहिताश्व को बाहर निकाला, धनकड़ की वापसी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के रूप में सतीश पूनियां के लिए पूरा साल संघर्षभरा रहा। सभी नेताओं को एक जाजम पर लाने में पूनियां सफल नहीं हो पाए। हालांकि धरन—प्रदर्शनों के जरिए उन्होंने सरकार को सफलतापूर्वक घेरा। अनर्गल बयानबाजी के चक्कर में रोहिताश्व शर्मा को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया। वहीं कुलदीप धनकड़, जगत सिंह सरीखे नेताओं की एक बार फिर पार्टी में वापसी हुई।
नड्डा की सीख बेअसर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर आए। उन्होंने पार्टी की एकजुटता का संदेश दिया। बिड़ला मंदिर में हुए कार्यक्रम में सभी का हाथ मिलाकर सियासी दूरियां मिटाने की कोशिश भी की, लेकिन उनके जाने के बाद फिर तकरार सरेआम हो गई। प्रभारी अरुण सिंह भी इस तकरार को आज तक कम नहीं कर पाए हैं।
पार्टी में पोस्टर पॉलिटिक्स भाजपा में पूरे साल पोस्टर पॉलिटिक्स चर्चा में रही। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ईर्द—गिर्द ही पार्टी की राजनीतिक केंद्रित रही। जून महीने में प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर लगे पार्टी के पोस्टर्स-हार्डिंग से वसुंधरा का चेहरा हटाने से राजनीतिक विवाद हुआ। उनके समर्थकों ने खुलकर इसका विरोध किया। मामले में वसुंधरा राजे की चुप्पी 2 महीने बाद टूटी और उन्होंने कहा मैं पोस्टर में नहीं लोगों के दिल में राज करती हूं। उधर पूनियां भगाओं के नारों से भी सियासत गर्माती रही।
कटारिया का प्रताप पर बयान खड़ा कर गया विवाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपने विवादित बयानों को लेकर कई बार सुर्खियों में रहे हैं। खास तौर पर महाराणा प्रताप और भगवान श्रीराम को लेकर आए कटारिया के विवादित बयान से राजस्थान भाजपा मुश्किलों में फंसती नजर आई। राजपूत करणी सेना से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर बाहर लगे गुलाबचंद कटारिया के होर्डिंग पर कालिख तक पोत दी।
पांच में चार सीटों पर हार, एक जीती भाजपा उप चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। अप्रैल में 3 विधानसभा सीट सहाड़ा राजसमंद और सुजानगढ़ में उपचुनाव हुए। भाजपा के खाते में केवल राजसमंद की ही सीट आई जबकि सहाड़ा और सुजानगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। अक्टूबर में वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त झेलना पड़ी। वल्लभनगर में भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत जब्त हो गई तो वही धरियावद में भाजपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा।
अमित शाह दे गए सख्त निर्देश साल के अंतिम महीने दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जयपुर दौरे ने पार्टी को एकजुटता में बांधने की कोशिश की है। पांच दिसंबर को शाह ने जयपुर में राजस्थान भाजपा कार्यसमिति की बैठक और भाजपा जनप्रतिनिधि संकल्प महासम्मेलन को संबोधित किया. अमित शाह ने इसके जरिए अगले विधानसभा चुनाव का शंखनाद भी किया। शाह ने आपस में लड़ने की बजाय गहलोत सरकार से लड़ने का मंत्र दिया।
राजे की मेवाड़ यात्रा, पूनियां भी दौरे पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की विधानसभा उपचुनाव और निकाय व पंचायत राज चुनाव से दूरी भी चर्चा में रही। लेकिन ज्यादा चर्चा उनकी निजी यात्राओं की रही। अक्टूबर में हुए उप चुनाव के बाद राजे ने 23 से 26 नवंबर मेवाड़ सहित छह जिलों की यात्रा निकाली। इसके कुछ दिनों बाद भरतपुर,दौसा, झालावाड़ और अलवर की यात्राएं चर्चा में रहीं। इस दौरान उन्होंने अपनी ताकत का अहसास कराया। उधर पूनियां भी लगातार इन्हीं इलाकों में सियासी दौरे कर रहे हैं।
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