देश में एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी से जूझ रहे 60 नवजात बच्चे, दिल्ली के सांसद ने PM मोदी को लिखा पत्र, रखीं मांगें delhi mp Praveen Khandelwal writes PM Modi for rare disease lama 2 cmd treatment and increase aid for 60 infant patients suffering with

Last Updated:November 05, 2025, 14:59 IST
दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को पत्र लिखकर दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर लामा 2 सीएमडी (LAMA2-congenital muscular dystrophy) के इलाज और नीति समर्थन के लिए पत्र लिखा है. साथ ही जापान की मोडालिस थेरेप्यूटिक्स की तैयार की गई ड्रग के भारत में ह्यूमन ट्रायल को लेकर मांग की है. देश में इस गंभीर रोग से 60 से ज्यादा बच्चे प्रभावित हैं.
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दुर्लभ बीमारी लामा 2 सीएमडी से देश में 60 नवजात बच्चे जूझ रहे हैं.
MP writes to Pm Modi for Rare Disease: दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर को लेकर विशेष नीति समर्थन की मांग की है, ताकि इस रेयर डिजीज से जूझ रहे बच्चों का इलाज हो सके. लामा-2 कंजेनिटल मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की (LAMA2-congenital muscular dystrophy) नाम की यह बीमारी दुनिया की सबसे दुर्लभ और भयावह जेनेटिक बीमारियों में से एक है, जो नवजात और छोटे बच्चों को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे उनकी चलने, हिलने–डुलने और यहां तक कि सांस लेने की क्षमता को भी छीन लेती है.
सांसद ने बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र की एक 20 महीने की बच्ची इस भयंकर बीमारी से जूझ रही है, जिसका इस समय दुनिया में कहीं भी कोई उपचार नहीं है. यह कहानी अकेली नहीं है. इस साहसी परिवार ने अब तक देश भर में लगभग 60 नन्हे बच्चों की पहचान की है जो इसी गंभीर बीमारी से पल-पल लड़ रहे हैं. ये सभी बच्चे जीवन और आशा के बीच संघर्ष कर रहे हैं.
भारत आज फिर एक ऐसे ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ा है जहां वह स्वास्थ्य नवाचार के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकता है, ठीक वैसे ही जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और अटूट संकल्प से भारत ने अपनी वैक्सीन बनाकर पूरी मानवता को आशा दी थी.
खंडेलवाल ने जापान की मोडालिस थेरेप्यूटिक्स नाम की एक बायोटेक कंपनी की हालिया खोज का हवाला देते हुए लिखा कि इस कंपनी ने CRISPR आधारित जीन एडिटिंग थेरेपी विकसित की है जो LAMA2-CMD के लिए बेहद आशाजनक मानी जा रही है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस तकनीक को पहले ही लो-रिस्क (कम जोखिम) श्रेणी में रखा है, जिससे भारत के लिए इसे क्लीनिकल ट्रायल में लागू करने का अवसर बनता है.
अगर सरकार शीघ्र और निर्णायक कदम उठाती है तो भारत दुनिया का पहला देश बन सकता है जो इस थेरेपी के मानव परीक्षण शुरू करेगा. जिससे भारत के 60 से अधिक परिवारों को जीवन की नई उम्मीद मिलेगी और दुनिया भर के हजारों बच्चों के लिए नई दिशा बनेगी.
पीएम मोदी से की हैं ये मांग
. इस जापानी ड्रग के न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स रूल्स, 2019 के तहत मानव परीक्षण (clinical trial) के लिए त्वरित स्वीकृति प्रदान की जाए.. डीजीसीआई और ICMR को मिलकर त्वरित मूल्यांकन और अनुमोदन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया जाए.. LAMA2-CMD को राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति, 2021 में अलग श्रेणी के रूप में शामिल कर वित्तीय सहायता सीमा 50 लाख रुपये से अधिक बढ़ाई जाए.. भारतीय और अंतरराष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थानों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाए ताकि जीन थैरेपी अनुसंधान को गति मिल सके.
खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में यह पहल भारत की स्वास्थ्य सेवा यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो सकती है जो न केवल भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करेगी बल्कि मानवता और संवेदना में उसकी अग्रणी भूमिका को भी सशक्त बनाएगी.
priya gautamSenior Correspondent
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi..com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें
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Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
November 05, 2025, 14:59 IST
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