कवतमघ
कविता-मेघ आए
मेघ आएदेवेन्द्रराज सुथार धरती की चुनरधानी हो गईमेघ आए हम परमेहरबानी हो गईबच्चों की टोलीपानी पानी हो गईपुष्प पुलकित औरकलियां…
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मेघ आएदेवेन्द्रराज सुथार धरती की चुनरधानी हो गईमेघ आए हम परमेहरबानी हो गईबच्चों की टोलीपानी पानी हो गईपुष्प पुलकित औरकलियां…
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