निर्यात कंटेनर किराए में 10 हजार की छूट, पीसीपीआइआर में 5 करोड़ तक रियायत! | Rajasthan govt to launch 11 new industries sector policy

एक्सपोर्ट प्रमोशन, पेट्रोकेमिकल समेत 11 सेक्टरों में अलग नीतियों की तैयारी, सात के प्रारूप पर सरकार ने मांगे सुझाव
जयपुर
Updated: January 04, 2022 08:14:02 pm
जयपुर. इनवेस्ट राजस्थान समिट से पहले सरकार निवेशकों को लुभाने में कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाहती। राज्य सरकार ने औद्योगिक निवेश के लिए प्रदेश में संभावित विभिन्न सेक्टरों पर आधारित 11 विभिन्न नीतियां लाने की तैयारी की है। प्रमुख फोकस रिफायनरी सह उत्पादों के लिए पश्चिमी राजस्थान में विकसित हो रहे पेट्रोलियम, केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन यानी पीसीपीआइआर, निर्यात प्रोत्साहन, हाइड्रोजन और टैक्टसटाइल जैसे सेक्टरों पर है। निर्यात प्रोत्साहन के लिए नई नीति में सरकार ने हर निर्यात कंटेनर पर 10 हजार रुपए तक के पुनर्भुगतान का प्रस्ताव दिया है। इधर, पीसीपीआइआर में प्रोजेक्ट स्थापित करने पर केपिटल और ब्याज सब्सिडी के जरिए पांच करोड़ रुपए तक की रियायत का प्रावधान नीतियों में किया गया है। इन प्रस्तावित नीतियों में से 7 नीतियों के प्रारूपों पर उद्योग विभाग ने सुझाव मांग लिए हैं। 13 जनवरी तक आए सुझावों के बाद नीतियां जारी की जाएंगी।

नए निर्यातकों को सहायता का वादा निर्यात प्रोत्साहन के लिए प्रस्तावित राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी 2021 के प्रारूप में सरकार ने नए निर्यातकों को मिशन निर्यातक बनो कार्यक्रम के तहत सहायता का भरोसा दिया है। राज्य के इन लैंड कंटेनर डिपो से व्यापार करने में हर कंटेनर के किराए पर 10 हजार रुपए (अधिकतम 10 लाख रुपए) पुनर्भुगतान का प्रावधान है। इसके अलावा हर जिला उद्योग केन्द्र में निर्यातक सूचना केन्द्र और निर्यात के लिए समर्पित पोर्टल विकसित करना प्रस्तावित है।
पीसीपीआइआर में पहली 20 कंपनियों पर बरसी राहत राजस्थान केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल पॉलिसी में पीसीपीआइआर में निवेश करने वाली पहली 20 कंपनियों के लिए बड़ी राहत प्रस्तावित है। नीति के प्रारूप में कहा है कि ऐसी कंपनियों को प्लांट और मशीनरी पर किए गए निवेश की 25 प्रतिशत राशि के बराबर (अधिकतम 5 करोड़ रुपए) की कैपिटल सब्सिडी देय होगी। कंपनी के पास प्लांट एंड मशीनरी से संबंधित लोन पर पांच साल तक हर साल पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी लेने का विकल्प होगा, जो अधिकतम एक करोड़ रुपए प्रतिवर्ष होगा।
इन नीतियों पर भी मांगे सुझाव इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चिरंग, हाइड्रोजन, लॉजिस्टिक—वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक पार्क, टैक्सटाइल एंड अपेरल, टेक्निकल टैक्सटाइल, केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल, एक्सपोर्ट प्रमोशन। ये नीतियां भी प्रस्तावित एमएसएमई, रेयल अर्थ पॉलिसी, मैड टेक एंड बल्क ड्रग, सर्कुलर इकोनॉमी
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