दिल्ली में घोषणा यूपी पर निशान, केजरीवाल ने कहा, आंबेडकर का सपना करेंगे साकार

उत्तर प्रदेश के चुनावों में जातिवाद की राजनीति काफी अहम मानी जाती है। ऐसे में केजरीवाल ने एक बड़ा दांव चला है। बाबा साहेब बीआर आंबेडकर के 65वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वो बाबा साहब का अधूरा सपना पूरा करेंगे और हर नागरिक को शिक्षित करेंगे। केजरीवाल ने बाबा साहब के जीवन पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक नाटक आयोजित करने के लिए भी कहा है।
दलित वोटों पर केजरीवाल की नजर
केजरीवाल की इस घोषणा के पीछे यूपी का कनेक्शन भी है। दरअसल, यूपी में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और आम आदमी पार्टी के लिए यहाँ कोई मजबूत जनाधार नहीं है। न ही आम आदमी पार्टी किसी समुदाय के मत का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में केजरीवाल ने बीआर आंबेडकर के सपने को पूरा करने का वादा कर दलित समुदाय के बीच अपनी छवि को मजबूत करने के प्रयास किए हैं।
नीति आयोग की 2016 की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में दलितों की आबादी करीब 20 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में 42 जिलें ऐसे हैं, जहां दलितों का खासा प्रभाव है. सूबे में सबसे ज्यादा दलित आबादी सोनभद्र में (42%), कौशांबी में (36%), सीतापुर में (31%), वहीं, बिजनौर-बाराबंकी में 25%-25% हैं। सहारनपुर, बुलंदशहर, मेरठ, अंबेडकरनगर, जौनपुर में भी दलित मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
केजरीवाल दिल्ली मॉडल को यूपी में भी उदाहरण के तौर पर पेश कर सकते हैं, और दलितों के लिए किए गए कार्यों का का लेखा-जोखा पेश कर अपना मतदाता आधार मजबूत करने के प्रयास कर सकते हैं।
क्या कहा केजरीवाल ने?
केजरीवाल ने कहा, “मैंने अब संकल्प लिया है कि मैं बाबा साहब के सपने को पूरा करूंगा। 70 साल हो गए हैं और अभी भी इस देश के गरीब और दलित बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। बाबासाहब तेरा अधूरा सपना केजरीवाल करेगा पूरा।” केजरीवाल ने कहा, ‘बाबा साहब ने अपने जीवनकाल में दो डॉक्टरेट और 65 विषयों में मास्टर डिग्री हासिल की थी और आज के समय में ऐसा कर पान काफी कठिन है।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बाबा साहब के जीवन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक नाटक का आयोजन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, ‘ 5 जनवरी को जेएलएन स्टेडियम में बाबासाहेब बी आर आंबेडकर के जीवन पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का मंचीय नाटक आयोजित करेगी। इस नाटक का मंचन अंतरराष्ट्रीय स्तर के जाने-माने कलाकार करेंगे।’
उन्होंने आगे कहा कि ‘इस नाटक को दिखाने के लिए 100 फुट बड़ा स्टेज बनाया गया है। इस नाटक के 50 शो होंगे और लोगों के लिए प्रवेश नि:शुल्क होगा। कोई भी आकर नाटक देख सकता है। देश में हमारी सरकार ऐसी पहली सरकार होगी जो बाबा साहब के जीवन और विचारों को सभी तक पहुंचाएगी।’
स्पष्ट है केजरीवाल ने दलित वोट भुनाने के लिए एक नया दांव चला है। एक तरफ बसपा प्रमुख मायावती ब्राह्मणों को लुभाने में जुटी हैं तो दूसरी तरफ, केजरीवाल का दांव उनकी पार्टी के जनाधार में बड़ा सेंध लगाने में सफल हुआ तो चुनावी समीकरण में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।