IVF Special: आपको संतान सुख से वंचित कर सकती है आपके पार्टनर की यह ‘लत’

Kilkari Special Series: आपके पार्टनर की कुछ आदतें आतको संतान सुख से वंचित कर सकती हैं. इन्हीं आदतों में एक आदत है आपके पार्टनर की सिगरेट पीने की तल. यहां आप कहेंगे कि सिगरेट आपके पार्टनर पीते हैं तो उसका खामियाजा आपको कैसे भुगतना होगा. तो इसका जवाब है कि पैसिव स्मोकिंग भी आपके मां या पिता बनने के सपनों में रोड़ा पैदा कर सकती हैं. क्योंकि, पैकिस स्मोकिंग से भी इनफर्टिलिटी बढ़ती है और यह बात कई रिसर्च में साबित भी हो चुकी है.
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी की कंसल्टेंट डॉ. अस्वति नायर के अनुसार, अगर कोई महिला स्मोकिंग नहीं करती है, लेकिन स्मोकिंग करने वाले अपने पति, दोस्त या सहकर्मी के पास रहती है, तब भी उसके गर्भवती होने की संभावना काफी घट सकती है. पैसिव स्मोक में वह सभी कैंसरकारक और जहरीले पदार्थ होते हैं, जो कोई स्मोकर सीधे तौर पर लेता है. पैसिव स्मोक के विषैले पदार्थ सीधे सिगरेट से लिए जाने वाले धुएं की तरह छनते नहीं हैं और साइड-स्ट्रीम धुआं कम तापमान पर बनता है और इसलिये ज्यादा खतरनाक कम्पाउंड्स छोड़ता है.
गर्भधारण क्षमता पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
डॉ. अस्वति नायर के अनुसार, पैसिव स्मोकिंग पुरूषों और महिलाओं की फर्टिलिटी को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है. हालिया एक शोध में साबित हुआ है कि पैसिव स्मोकिंग के चलते महिलाओं की गर्भधारण की क्षमता पर नकारात्मक परिणाम पड़ता है. यह न केवल ओवरीज, बल्कि एंडोमेट्रियल लाइनिंग को भी प्रभावित करता है, जिससे महिलाओं की फर्टिलिटी की क्षमता प्रभावित होती है. अगर महिला का पति धूम्रपान करता है, या वह दूसरों के धुएं को सांस में लेते हुए समय बिताती है, तो उसका गभर्वती होना कठिन हो सकता है.
इसके अलावा, पैसिव स्मोकिंग के चलते गर्भधारण में सामान्य से ज्यादा समय लगने की संभावना रहती है. वहीं, पुरूषों में पैसिव स्मोकिंग से शुक्राणुओं के डीएनए को क्षति होती है, जिससे न केवल इनफर्टिलिटी होती है, बल्कि संभावित शिशु बनने वाले भ्रूण में एपिजेनेटिक बदलाव भी होते हैं.
सर्विक्स के लिए बड़ा खतरा है पैसिव स्मोकिंग
डॉ. अस्वति नायर बताती हैं कि पैसिव स्मोकिंग की वजह से गर्भधारण और गर्भावस्था में सहायता करने वाले हॉर्मोन्स अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाते हैं. यह स्थिति महिलाओं के सर्विक्स के लिये भी बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं. यहां आपको बता दें कि सर्विक्स गर्भाशय का वह मार्ग है, जिसके माध्यम से शुक्राणु अंडे को निषेचित करने के लिये प्रवेश करता है. कहा जाता है कि पैसिव स्मोंकिग की वजह से क्षतिपूर्ति के लिये उपलब्ध अंडों की संख्या भी घट जाती है.
इसके अलावा, सिगरेट के धुएं के विभिन्न उत्पाद, जैसे बेंज़ोपाइरीन, कैडमियम और निकोटिन का एक मेटाबोलाइट कोटिनाइन, अंडाशय कोष तक पहुंच जाते हैं और कोटिनाइन के अवशेषों को अंडे के निषेचन की कम क्षमता से जोड़कर देखा जाता रहा है. मौजूदा या सिगरेट छोड़ चुके स्मोकर्स में इनफर्टिलिटी का जोखिम 14% ज्यादा है, जबकि सबसे ज्यादा धुएं के संपर्क में रहने वाले पैसिव स्मोकर्स को धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में इनफर्टिलिटी का जोखिम 18% ज्यादा है.
गर्भधारण के लिए कैसे करें अपना बचाव
डॉ. अस्वति नायर के अनुसार, इस स्थिति से बचने का एक ही तरीका यह है कि धूम्रपान छोड़ें और धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पास न जाने की कोशिश करें. तंबाकू की स्मोकिंग से दूर रहने से फर्टिलिटी बढ़ सकती है, लेकिन अंडे बनने में होने वाला नुकसान पूरा नहीं हो सकता. कोई व्यक्ति तंबाकू के धुएं से जितना दूर रहेगा, धूम्रपान से गर्भावस्था को होने वाला जोखिम उतना ही कम होगा. दूसरी तरफ, धूम्रपान करने वाले पार्टनर के लिये धूम्रपान छोड़ना जरूरी है.
यहां आपको बता दें कि भारत में दुनिया के करीब 12 फीसदी स्मोकर्स रहते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के चौंकाने वाले आंकड़ों का एक सच यह है भी कि भारत में करीब 30% से अधिक वयस्क पब्लिक ट्रांसपोर्ट, इनडोर वर्कप्लेस और रेस्त्रां जैसी जगहों में पैसिव स्मोकिंग का शिकार होते हैं. पैसिव स्मोकिंग आमतौर पर तब होती है, जब आपका कोई करीबी या प्रियजन एक स्मोकर हो. स्वाभाविक है कि जब आप उस व्यक्ति के इर्द-गिर्द होंगे, तब उसके द्वारा फूंकी जा रही सिगरेट का धुआं उसके साथ-साथ आपकी सांस में भी जाएगा.
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Tags: IVF, Sehat ki baat
FIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 16:25 IST