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आज से माघ गुप्त नवरात्रि शुरू, दस महाविद्या की साधना के लिए विशेष फलदायी, जानें कलश स्थापना मुहूर्त, पूजा विधि समेत सबकुछ

Magh Gupt Navratri मनोकामना पूर्ति और गुप्त साधना के लिए विशेष फलदायी माने जाने वाले गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान श्रद्धालु मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए दस महाविद्याओं की साधना करेंगे। भोपाल समेत देश के शक्तिपीठ, मंदिरों में भी कई साधक गुप्त साधना करेंगे। मंत्र सिद्धि सहित सभी प्रकार की साधना के लिए यह नवरात्र काफी खास माने जाते हैं। इस बार गुप्त नवरात्र कई शुभ संयोगों से भी युक्त हैं। ऐसे में यह विशेष फलदायी रहेंगे।

इस बार गुप्त नवरात्र की शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है और 18 फरवरी तक नवरात्र रहेंगे। पंडितों के अनुसार इस बार नवरात्र की शुरुआत प्रबर्ध योग में होगी। शनिवार का दिन, प्रतिपदा तिथि और धनिष्ठा नक्षत्र के संयोग से यह योग बनेगा। नौ दिनों तक भोपाल में अनेक स्थानों साधना होगी और अनेक अनुष्ठान मनोकामना पूर्ति के लिए होंगे।

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साल में चार बार आते हैं नवरात्र
पं. विष्णु राजौरिया का कहना है कि पूरे साल में चार बार नवरात्र आते हैं, जिसमें दो बार प्रकट नवरात्र और दो बार गुप्त नवरात्र आते हैं। प्रकट नवरात्र चैत्र और अश्विन माह में आते हैं, जिसमें माता रानी की आराधना की जाती है। इसी प्रकार माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र आते हैं। गुप्त नवरात्र सभी प्रकार की साधना, तंत्र मंत्र सिद्धि के लिए विशेष फलदायी माने गए हैं। इस नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना होती है। कई लोग इस दौरान मनोकामना पूर्ति के लिए गुप्त साधना करते हैं।

कलश स्थापना मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य सौरभ दुबे के अनुसार माघ गुप्त नवरात्रि 10 से 18 फरवरी तक रहेगी। यह नवरात्रि माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सुबह 04.28 बजे शुरू होगी। घटस्थापना मुहूर्त 10 फरवरी को सुबह 08.45 से सुबह 10.10 बजे तक रहेगा। इस दिन कलश स्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त दोपहर 12.13 मिनट से दोपहर 12.58 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

खरीदारी के लिए भी रहेंगे विशेष शुभ
गुप्त नवरात्र माता रानी की साधना के साथ-साथ खरीदारी के लिए भी विशेष शुभ रहेंगे। ब्रह्मशक्ति ज्योतिष संस्थान के पं. जगदीश शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्र शुभ कार्यों के लिए भी विशेष शुभ माने गए हैं। इसमें साधना, आराधना के साथ-साथ खरीदारी करना भी अत्यंत फलदायी होता है। इस बार गुप्त नवरात्र में 4 दिन सर्वार्थ सिद्धि और एक दिन अमृत सिद्धि योग का संयोग भी रहेगा।

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वैष्णोधाम में अखंड ज्योत
गुप्त नवरात्र में शहर के दुर्गा मंदिरों में भी विशेष अनुष्ठान होंगे। भोपाल के मां वैष्णोधाम आदर्श नौ दुर्गा मंदिर में गुप्त नवरात्र में मनोकामना पूर्ति के लिए अखंड ज्योति जलाई जाएगी और शतचंडी पाठ होगा। मंदिर के पं. चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि साल में आने वाले चारों नवरात्र में यहां अखंड ज्योत जलाई जाती है। इस बार भी गुप्त नवरात्र में 21 अखंड ज्योत जलाई जाएगी, इसके लिए श्रद्धालुओं ने बुकिंग की है। रोजाना वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ होगा और मां भगवती की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। यहां नौ देवियां विराजमान हैं।

गुप्त नवरात्रि कलश स्थापना सामग्री
1. कलश
2. कलश पर बांधने के लिए मौली
3. आम के पत्ते का पल्लव (जिसमें 5 पत्तियां हो या फिर 7)
4. कलश में डालने के लिए रोली, गंगाजल, सिक्का, गेहूं या अक्षत
5. कलश के अलावा इन दिनों जौ भी बोने चाहिए, जिसके लिए मिट्टी का एक बड़ा बर्तन
6. मिट्टी
7. जौ
8. कलावा

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गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
1. भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
2. घर और पूजा मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें।
3. इस शुभ दिन पर लाल रंग के पारंपरिक कपड़े धारण करें।
4. पूजा घर में एक वेदी स्थापित करें और इस पर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष शुद्ध देसी घी का दीया जलाएं।

5. मां दुर्गा की प्रतिमा को सजाएं, मां को लाल फूलों की माला अर्पित करें, कुमकुम का तिलक लगाएं, श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।
6. विधि अनुसार कलश की स्थापना करें, हलवा-पूड़ी और चना का भोग लगाएं और मां का आह्वान वैदिक मंत्रों से करें।
7. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, मां दुर्गा की आरती के साथ पूजा को पूर्ण करें।
8. अंत में घर के सभी सदस्यों में प्रसाद का वितरण करें।

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