ओवैसी ने अफगानिस्तान पर केंद्र सरकार की मौजूदा नीति को लेकर साधा निशाना, कहा- हमें तालिबान से करनी चाहिए बात

असदुद्दीन आवैसी ने अफगानिस्तान को लेकर भारत सरकार की मौजूदा नीति पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने वर्ष 2013 में संसद में दिए अपने एक भाषण का जिक्र किया है। इस भाषण में ओवैसी ने भारत के सामरिक हितों को सुरक्षित करने के लिए तालिबान से संवाद स्थापित करने की वकालत की है।
नई दिल्ली।
तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। इसके बाद से ही वहां हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। भारत में भी वहां के हालात पर चर्चा जोरशोर से हो रही है। तालिबान के बाद आने के बाद अफगानिस्तान और भारत के रिश्तों पर क्या असर होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा, मगर असदुद्दी ओवैसी ने अफगानिस्तान को लेकर भारत सरकार की नीति की आलोचना की है।
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन आवैसी ने अफगानिस्तान को लेकर भारत सरकार की मौजूदा नीति पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने वर्ष 2013 में संसद में दिए अपने एक भाषण का जिक्र किया है। इस भाषण में ओवैसी ने भारत के सामरिक हितों को सुरक्षित करने के लिए तालिबान से संवाद स्थापित करने की वकालत की है।
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हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा है- अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी तय थी। वर्ष 2013 की शुरुआत में मैंने सरकार को हमारे सामरिक हितों को सुरक्षित करने के लिए तालिबान के साथ राजनयिक चैनल खोलने की सलाह दी थी। हमने अफगानिस्तान में 3 अरब डॉलर का निवेश किया है। मैंने कहा था लेकिन सरकार ने तब ध्यान नहीं दिया। अब सरकार क्या करेगी?
THREAD: US withdrawal from #Afghanistan was inevitable. As early as 2013, I’d advised govt to open diplomatic channels with #Taliban to secure our strategic interests. We’ve made $3 billion in investments in Afghanistan. But no one paid heed & now what’ll the govt do? 1/3 pic.twitter.com/uTyCZMzdhg
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 16, 2021
ओवैसी ने कहा कि वर्ष 2019 में भी मैंने अफगानिस्तान को लेकर अपरिहार्य सच्चाई के बारे में अपनी चिंताओं को दोहराया था। हालांकि, जब पाकिस्तान, अमरीका और तालिबान मास्को में बात कर रहे थे, तब प्रधानमंत्री कार्यालय यह गिन रहा था कि प्रधानमंत्री ने कितनी बार अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को गले लगाया था। हमें अब भी नहीं पता कि अफगानिस्तान को लेकर भारत सरकार की क्या नीति है।
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ओवैसी ने कहा कि भारत तालिबान को मान्यता देगा या नहीं, अब तक स्पष्ट नहीं है। सरकार को संवाद के लिए माध्यम खोलने होंगे। हमेशा की तरह केंद्र सरकार अपनी वास्तविक स्थिति से बाहर होती दिखाई दे रही है। यह सरकार तभी काम करना शुरू करती है, जब कोई संकट दरवाजे पर आ जाता है।