Ashok gehlot government approves Rs 98.55 crore fund for minority community welfare crematorium’ and graveyard politics

जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोपों से घिर गई है. दरअसल, गहलोत सरकार ने अल्पसंख्यकों कल्याण के लिए 100 करोड़ के कोष का गठन किया है. 98.5 करोड़ मंजूर भी कर दिए हैं. बीजेपी का आरोप है कि मदरसे और कब्रिस्तान बनाकर सरकार मुस्लिम वोट बैंक को रिझाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी का कहना है सरकार कब्रिस्तान बना रही है तो फिर शमसान क्यों नहीं बना रही. बीजेपी ने गहलोत सरकार पर विकास में भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि सरकार कब्रिस्तान बना रही है लेकिन शमशान से परहेज कर रही है यह हिंदुओं की उपेक्षा है.
यूपी और पंजाब चुनाव के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप से घिर गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 100 करोड़ के कोष का गठन किया और इसमें से 98 करोड़ पचास लाख रुपये विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किए गए लेकिन विवाद हुआ इन विकास कार्यों की सूची में मदरसों और कब्रिस्तान के विकास के नाम से. बीजेपी का आरोप है कि अल्पसंख्यकों में सिर्फ मुस्लिम ही क्यों? सिख-जैन-बौद्ध पारसी और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के धर्म और अंतिम संस्कार स्थल की उपेक्षा क्यों?
बीजेपी ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार ने पिछले बजट सत्र में अल्पसंख्यकों के साथ अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए भी 100- 100 करोड़ का विकास कोष बनाने की घोषणा की थी लेकिन एससी एसटी के साथ और अन्य वर्गों के साथ भेदभाव करते हुए मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए 100 करोड़ के फंड की घोषणा की.
इस पूरे मामले पर गहलोत सरकार ने सफाई दी की 100 करोड़ के फंड का इस्तेमाल सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भी होगा. राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इस फंड से अल्पसंख्यक समुदाय के सभी लोगों को छात्रवृत्ति अनुदान मिलेगा अकेले मुस्लिम्स को नहीं. खाचरियावास ने सफाई दी कि सरकार सिर्फ कब्रिस्तान नहीं बना रही है, शमशान पर भी पैसा खर्च कर रही है.
यह पहली दफा नहीं है जब गहलोत सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप से घिरी. कुछ महीने पहले ही गहलोत सरकार ने राजस्थान में मदरसों के विकास के लिए 90 फ़ीसदी अनुदान देने का फैसला किया था, तब भी आरोप लगा कि मदरसे बनवा कर गहलोत सरकार मुस्लिमों के वोट हासिल करना चाहती है. दरअसल सरकार की एक चिंता यह भी है कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव मैं डर है कि कहीं यूपी कि तरह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी करने राजस्थान में न कूद जाए. दूसरा यह भी है कि यूपी और पंजाब में अल्पसंख्यकों को यह संदेश देने की कोशिश है कि कांग्रेस शासित राज्यों में कैसे अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सरकार काम कर रही है जिससे इन राज्यों में कांग्रेस को चुनावी फायदा मिल सके.
आपके शहर से (जयपुर)
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Rajasthan news, Rajasthan Politics