काम की गारंटी न ही भविष्य की सुरक्षा…नियम ही नहीं, सरकार कदम बढ़ाकर भूली | Fund of Rs 200 crore for gig workers in the state, but rules not made

कानून में यह प्रावधान
– कानून लागू होने के 60 दिन में संबंधित कंपनी को गिग वर्कर्स का डेटा सरकार को देना होगा।
– सभी गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन होगा, राज्य सरकार उनको पहचान संख्या जारी करेगी।
– श्रम मंत्री की अध्यक्षता में वेलफेयर बोर्ड, गिग वर्कर्स व उनके प्लेटफॉर्म (कंपनी) के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
– वेलफेयर फंड बनेगा, जिसमें गिग वर्कर्स से संबंधित प्लेटफॉर्म की ओर से अंशदान जमा होगा।
इन कार्यों से जुड़े हैं गिग वर्कर
खाना पहुंचाने, सामान डिलीवर करने, घर बैठे बाल काटने और मसाज से लेकर ब्यूटीपार्लर तक की सुविधा, व्यक्तियों को लाने-ले जाने का कार्य। इन राज्यों में कानून लाने की तैयारी
कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा व तमिलनाडु। इन राज्यों ने विधेयक का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम छ्ह माह के कार्यों की मंत्रिमंडलीय उपसमिति समीक्षा कर रही है, उनमें यह कानून भी है। नियम प्रक्रियाधीन है।
करण सिंह, आयुक्त,श्रम विभाग प्रदेश में करीब पांच लाख गिग वर्कर हैं। इनको सामाजिक सुरक्षा देने के लिए पिछले साल कानून बन गया, लेकिन 6 माह से नियम नहीं बनने से इसका लाभ नहीं मिला।
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