Kota news: अंधता से ग्रस्त महिला ने पेश की मिसाल, मौत बाद पति की आंखें कराई डोनेट
रिपोर्ट: शक्ति सिंह
कोटा: विवेकानंद नगर में रहने वाली पद्मा पारीक की आज हर ओर सराहना हो रही है. दुख की घड़ी में भी वह मानव सेवा नहीं भूलीं. पद्मा भले ही आंखों से न देख पाती हों, लेकिन उन्होंने अपने पति की आंखें दान में दे दीं. दरअसल, पिछले दिनों पद्मा के पति चतुर्भुज पारीक का निधन हो गया था. पद्मा ने निर्णय लिया कि वह अपने पति की आंखें दान कर देंगी, ताकि किसी और का जीवन रोशन हो सके.
पद्मा ले पुत्र प्रवीण एवं पुत्री रंजना से पति की आंखें डोनेट कराने की बात की. बच्चों ने भी मां की इच्छा का सम्मान किया और मेडिकल कॉलेज की टीम को सूचना दी. जानकारी के अनुसार पद्मा पारीक भी अंधता से ग्रसित हैं. ऐसे में वह इसकी पीड़ा को समझती हैं. इसी कारण उन्होंने बच्चों से कहकर पति की आंखें डोनेट करवाईं.
मृत्यु के 6 से 8 घंटों के भीतर हो सकता है नेत्रदान
सूचना पर मेडिकल कॉलेज के नेत्रदान सलाहकार भूपेंद्र सिंह हाडा, टेक्नीशियन हेमंत यादव एवं नेत्र रोग विभाग के डॉ. अंकित शाह पद्मा के निवास पर पहुंचे और उनके पति के नेत्रों को संकलित किया. भूपेंद्र सिंह ने बताया कि हर साल हजारों लोग अंधेपन से पीड़ित होते हैं, जबकि नेत्रदान करने वालों की संख्या बहुत कम है. उन्होंने बताया कि भले ही आंखों में लेंस या चश्मा लगा रहा हो या आंखों का ऑपरेशन ही क्यों ना हुआ हो, किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के 6 से 8 घंटों के भीतर नेत्रदान किया जा सकता है. नेत्र संकलन की प्रक्रिया 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है.
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Tags: Eye Donation, Kota news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : January 23, 2023, 15:01 IST