UPSC, JEE, NEET से भी कठिन है ये परीक्षा, पास करने पर मिलती है दुनिया की बेहतरीन शराब, मुंहमांगी सैलरी

Toughest Test of world: दुनिया की कठिन परीक्षाओं में एक परीक्षा ऐसी भी है, जो काफी कठिन मानी जाती है, लेकिन इसे पास करने वाले को दुनिया की बेहतरीन शराब दी जाती है. यही नहीं उसे मुंहमांगी सैलरी भी मिलती है. दुनिया की कठिन परीक्षाओं में से एक इस परीक्षा का नाम है मास्टर सोमेलिअर (The Master Sommelier Diploma Exam). यह परीक्षा कितनी कठिन होती है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते पांच दशक में इस परीक्षा में महज 269 लोग ही सफल हो पाए हैं. यानि कि दुनिया में कुल 269 लोग ही अब तक मास्टर सोमेलिअर बन पाए हैं. उनमें से भी 172 लोग सिर्फ अमेरिका से हैं.
कौन होते हैं मास्टर सोमेलिअरदरअसल मास्टर सोमेलिअर परीक्षा पास करने वाले वाइन एक्सपर्ट होते हैं. ये ऐसे एक्सपर्ट होते हैं जिनकी दुनिया भर में काफी डिमांड होती है. वाइन इंडस्ट्री इनको मुंहमांगी कीमत देती है. बताया जाता है कि दुनिया में पहली बार मास्टर मास्टर सोमेलिअर एग्जाम वर्ष 1969 में हुआ था. शराब इंडस्ट्री ने एक संस्था बनाई, जिसे कोर्ट ऑफ मास्टर सोमेलिअर (सीएमसएस) का नाम दिया गया. यही संस्था यह परीक्षा आयोजित करती है.
क्यों कराई गई ये परीक्षा इस तरह की संस्था बनाकर मास्टर सोमेलिअर परीक्षा कराने के पीछे उद्देश्य था कि शराब के शौकीनों के लिए ऐसी पेयरिंग बनाई जाए, जिससे उसका आनंद और बढ़ सके. इस परीक्षा को पास करने वालों को इसकी भी ट्रेनिंग दी जाए कि वाइन के साथ खाने की कौन कौन सी चीजें दी जाएं जिससे नशा तो बढ़े लेकिन सेहत को कोई नुकसान न हो.
इंट्रोडक्टरी लेवल में 8% लोग ही होते हैं पास मास्टर सोमेलिअर बनना आसान नहीं होता. मास्टर सोमेलिअर परीक्षा के चार लेवल होते हैं – इंट्रोडक्टरी, सर्टिफाइड, एडवांस्ड और मास्टर सोमेलिअर. इसमें सबसे पहला लेवल होता है इंट्रोडक्टरी. अधिकतर लोग इसी लेवल की तैयारी करते रह जाते हैं. इस लेवल में कोई भी ऐसा व्यक्ति शामिल हो सकता है जिसके बाद होटल इंडस्ट्री का अनुभव हो. इस लेवल में पहले दो दिन पढ़ाई कराई जाती है, उसके बाद एग्जाम कराया जाता है. इंट्रोडक्टरी लेवल में अभ्यर्थियों से सेब अंगूर की किस्म से लेकर शराब बनाने की प्रक्रिया के बारे में सवाल पूछे जाते हैं इसके अलावा शराब और खाने की पेयरिंग के बारे में भी सवाल होते हैं. इस परीक्षा के इंट्रोडक्टरी लेवल में महज 8% लोग ही पास हो पाते हैं.
लिखित परीक्षा के साथ प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान लिखित जवाब के अलावा प्रैक्टिकल भी होता है, जो सबसे मुश्किल होता है. दरअसल प्रैक्टिकल के दौरान उम्मीदवारों से शराब की ब्लाइंड टेस्टिंग कराई जाती है. इस दौरान उन्हें यह बताना होता है कि उसमें से कौन कौन से अंगूर या कुछ और मिले हुए हैं. टेस्टिंग से ही यह बताना होता है कि यह दुनिया में कहां की वाइन है और कितनी पुरानी है. यह शराब कितने समय पर रखी जा सकती है. महज एक टेस्टिंग से यह सबकुछ बताना काफी कठिन होता है.
कितने दिनों में पास करना होता है एग्जाम?मास्टर सोमेलिअर एग्जाम देने के लिए सबसे पहले उम्मीदवारों को इंट्रोडक्टरी, सर्टिफाइड, एडवांस्ड लेवल की परीक्षा पास करनी होती है. मास्टर सोमेलिअर का एग्जाम वही दे सकता है जिसने ये तीनों लेवल पास कर लिए हों. एक शर्त यह भी होती है कि तीन साल के अंदर तीनों स्टेप्स निकल जाने चाहिए अगर इस अवधि में संबंधित व्यक्ति पास नहीं हुआ तो उसे नए सिरे से इंट्रोडक्टरी लेवल की परीक्षा देनी होगी. एक बात और है जो इस परीक्षा को खास बनाती है वह यह है कि सबसे लास्ट लेवल का पेपर कोई भी उम्मीदवार अपनी मर्जी से नहीं दे सकता बल्कि इसके लिए वाइन इंडस्ट्री के जाने माने लोगों की सिफारिश लगती है. लेकिन मास्टर सोमेलिअर बनने वाले को वाइन इंडस्ट्री में काफी पूछ होती है और उन्हें अच्छी सैलरी मिलती है. कई लोगों की सैलरी डेढ़ करोड़ तक होती है.
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FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 15:42 IST