Jaipur News Rajasthan Patrika Jaipur – करतारपुरा नाला: चार किमी से अतिक्रमण हटाया, नौ घंटे तक चली कार्रवाई में एक नहीं सुनी

बहाव क्षेत्र को कराया मुक्त

जयपुर. करतारपुरा नाले के बहाव क्षेत्र को अतिक्रमण हटाने के लिए जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक चली कार्रवाई में न सिर्फ कब्जे हटाए, बल्कि मिट्टी निकालकर बहाव क्षेत्र को भी मुक्त कराया। प्रवर्तन शाखा की टीम ने सुबह नौ बजे पहुंचकर पर्ल रेजीडेंसी के आगे बनी दीवार को हटाया और उसके आगे करीब 15 फीट भराव को भी अतिक्रमण से मुक्त करवाया। इसके बाद दूसरी ओर टीम ने आकर पक्के निर्माणों को ध्वस्त किया।
प्रवर्तन शाखा के मुख्य नियंत्रक रघुवीर सैनी ने बताया कि मलवा मिट्टी डालकर कुछ भूमाफिया बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे थे। कोरोनाकाल में निर्माण तक कर लिए थे। सभी को कार्रवाई के दौरान ध्वस्त कर दिया गया है। चार बीघा क्षेत्र में अतिक्रमण को मुक्त कराया है। उन्होंने बताया कि सुल्तान नगर के पीछे, जयभारत नगर, रामदेव कच्ची बस्ती, गुर्जर की थड़ी के आस-पास के क्षेत्र में नाले के बहाव क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
-दरअसल, पिछले एक वर्ष में यहां अतिक्रमियों ने सुल्तान नगर ए नाम से अवैध कॉलोनी तक बसा ली थी। फर्जी पट्टे जारी कर लोगों को बहाव क्षेत्र में बसाया जा रहा था। इसके बाद पत्रिका ने इस मामले का प्रमुखता से उठाया और उसके बाद अब जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने कार्रवाई की। पत्रिका की खबरों को मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया था और जेडीए से उचित कार्रवाई करने के लिए कहा था।
-पिछली बारिश में जेडीए की ओर से मलवा हटाया था, लेकिन इसके बाद अतिक्रमियों ने बहाव क्षेत्र में मिट्टी डालकर कब्जा करना शुरू कर दिया। सुल्तान नगर एक नाम से कॉलोनी तक काट दी। बिजली और पानी के कनेक्शन तक करवा दिए।
ये संसाधन लगाए बहाव क्षेत्र को मुक्त कराने में
-प्रवर्तन शाखा ने छह जेसीबी, छह टे्रक्टर और ट्रॉली, पांच लोखंडा मशीन और 20 से अधिक मजदूरों को इस कार्रवाई में लगाया।
-जेडीए प्रवर्तन शाखा के अलावा पुलिस आयुक्तालय से जाप्ता,महेश नगर थाना पुलिस, जोन पांच की इंजीनियरिंग शाखा की टीम मौजूद रही।
15 महीने में 16 पत्र लिख गए, सुनवाई एक की भी नहीं
इस कार्रवाई में देरी के पीछे जोन ही जिम्मेदार है। प्रवर्तन शाख ने पिछले 15 महीने में 16 पत्र लिखकर बहाव क्षेत्र और सरकारी जमीन के बारे में जानने की कोशिश की, लेकिन जोन कार्यालय ने एक बार भी नहीं सुनी। गुरुवार को जेडीसी गौरव गोयल के साथ जोन अधिकारियों और प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों की बैठक हुई। उसमें जेडीसी ने निर्देश दिए कि जोन की टीम मौके पर रहेगी और जो अवैध निर्माण हैं, उनको मौके पर ही बताएगी।