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शिलाजीत, अश्वगंधा जैसी बूटी का भी बाप है ये लकड़ी, खाते ही आएगी घोड़ों जैसी ताकत

Last Updated:May 11, 2025, 12:29 IST

Benefits of Safed Musli: लकड़ियां तो आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन आज हम जिस लकड़ी के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वो बेहद खास है, उसका नाम है सफेद मूसली. ये देखने में बिल्कुल सफेद होती है और कई बीमारियों में …और पढ़ें

बहराइच जिले में रहने वाले सलीम चूर्ण वाले इस जड़ी-बूटी को बेचने का काम करते हैं. ये जड़ी-बूटी धातु रोग, कैल्शियम की कमी समेत कई बीमारियों को आराम से ठीक कर देती है.

सफेद मूसली का पौधा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है, जिसमें तना या पत्ते नहीं, बल्कि जड़ ही सबसे ज्यादा काम में आती है. इसे सफेद मूसली बूटी के नाम से जाना जाता है. बहराइच के सलीम चूर्ण वाले के अनुसार इसका सेवन करके कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.

सलीम का दावा है कि यह बूटी धातु रोग, कैल्शियम की कमी जैसी समस्याओं में बहुत फायदेमंद है. इसका इस्तेमाल पाउडर बनाकर सुबह-शाम आधा चम्मच दूध या पानी के साथ किया जाता है, लेकिन इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

आयुर्वेद जानने वाले सलीम के यहां उनके दादा-परदादा के जमाने से जड़ी-बूटियों का काम होता आ रहा है. सलीम ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि सफेद मूसली एक पेड़ का नाम है, जो कई बीमारियों में काम आती है.

उन्होंने बताया कि इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान में होती है और यह तराई के जंगलों में भी पाई जाती है.इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी कुछ जगहों पर इसकी खेती होती है.

अगर इसकी कीमत की बात करें तो यह लगभग ₹2000 प्रति किलो के हिसाब से बिकती है. बहराइच जिले के मोहल्ला दरगाह शरीफ, अनारकली रोड में रहने वाले सलीम चूर्ण वाले इस जड़ी-बूटी को बहराइच शहर के माल कचहरी के बाहर बेचते हैं.

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शिलाजीत,अश्वगंधा जैसी बूटी का भी बाप है ये लकड़ी, जानें सेवन के चमत्कारी फायदे

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