Rajasthan

पति-पत्नी दोनों बचपन से दिव्यांग फिर भी हैं आत्मनिर्भर, घर पर मिट्टी के पलसिए बनाकर कर रहे गुजारा

निखिल स्वामी/बीकानेर. बीकानेर के ऐसे पति-पत्नी हैं जो दिव्यांग होने के बावजूद भी अपना काम करके घर चला रहे हैं, साथ में अपने बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं बीकानेर के गंगाशहर स्थित कुम्हारों के मोहल्लों में रहने वाले ठाकर राम की. जो पिछले 30 सालों से मिट्टी के दिए और पालसिए (एक प्रकार का मिटटी का बर्तन) बना रहे है. इस काम में उनका साथ उनकी पत्नी और बच्चे सहित पूरा परिवार दे रहा है. ऐसे में जैसे तैसे करके अपना घर चला रहे है और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला रहे है.

60 प्रतिशत तक दिव्यांग हैं दोनों

ठाकर राम ने बताया कि वे बचपन से ही दिव्यांग है और उनका एक पैर बिलकुल काम नहीं करता है और वे पूरे शरीर से 60 प्रतिशत तक दिव्यांग है. वहीं उनकी पत्नी सरोज भी बचपन से दिव्यांग है. सरोज के दोनों हाथ काम नहीं करते है फिर भी वे अपने दोनों हाथ से मिट्टी के दिए और पलसिए बनाकर उनका साथ दे रही है. इस काम वे उनके छोटे छोटे बच्चे भी मदद कर देते है. ठाकरराम के दो लड़कियां और एक लड़का है.

ठाकर राम बताते है कि वे जिले की कोलायत और दूसरे शहर से मिट्टी मंगवाते है और रोजाना सुबह से शाम तक मिट्टी के पलसिये बनाने का काम कर रहे है. वे बताते है कि कुछ समय बाद नवरात्रि आ रही है तो पलसिए तैयार कर रहे है. वे रोजाना 60 से 70 पलसिए बना रहे हैं. वे बताते हैं कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे है जिससे वे आगे चलकर कुछ अच्छा काम करें.

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FIRST PUBLISHED : September 01, 2023, 22:56 IST

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