Jaipur Nagar Nigam Rajasthan Police Cm Ashok Gehlot Congress Worker – बहरूपिया निकला पुलिसवाला, साथियों से लेकर सीएम तक कर रहा था दगाबाजी, ऐसे खुला राज

बहरूपिया बन साथियों की करता था शिकायतें, खुल गया हैड कांस्टेबल का राज, नगर निगम से रिलीव कर पुलिस विभाग में भेजा
ओमप्रकाश शर्मा / जयपुर। नगर निगम में प्रतिनियुक्त पर लगा एक हैड कांस्टेबल ‘बहरूपिया’ बन गया। कभी वकील या कांग्रेस कार्यकर्ता तो कभी नगर निगम का ही कर्मचारी बनकर छद्म नामों से साथी पुलिसकर्मियों की शिकायतें करने लगा। पांच पुलिसकर्मियों को निगम से हटवाने में सफल भी रहा। आखिर राज खुल गया और हैड कांस्टेबल को अब निगम से रिलीव कर पुलिस विभाग में भेज दिया गया है।
उक्त हैड कांस्टेबल शिवराज सिंह दिसम्बर 2020 में नगर निगम (ग्रेटर) में प्रतिनियुक्ति पर लगा। इसके साथ ही उसने 10 साथी कांस्टेबलों के खिलाफ निगम से लेकर सीएम तक छद्म नामों से शिकायतें भेजनी शुरू कर दी। इनमें प्रतिनियुक्ति प्रक्रिया का हवाला देते हुए लिखता कि ये कांस्टेबल लम्बे समय से जमे हुए हैं। लगातार शिकायतें देख ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त यज्ञमित्र सिंहदेव ने 5 कांस्टेबलों को रिलीव कर पुलिस विभाग में भेज दिया।
प्रभाव जमाना चाहता था
हैड कांस्टेबल शिवराज सिंह पहले 8 साल तक निगम में प्रतिनियुक्ति पर रहा था। पहली बार एक साल के लिए 23 मई 2007 को प्रतिनियुक्ति पर आया, फिर ‘ऊपर’ तक अपनी पहुंच के दम पर कार्यकाल मई 2015 तक बढ़वाता गया। अब हैड कांस्टेबल बनकर आया तो प्रभाव जमाने के लिए पुराने जवानों को हटाने के लिए शिकायतें करने लगा।
लिखे थे फर्जी पते, यों खुली पोल
प्रभावित पुलिसकर्मियों ने शिकायत कर हैड कांस्टेबल पर संदेह जताया। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सेठाराम बंजारा से जांच कराई गई तो हैड कांस्टेबल की पोल खुल गई। पाया गया कि किसी भी शिकायत पत्र पर मोबाइल नम्बर नहीं है। शिकायतकर्ता के पते पर पुलिस पहुंची तो कहीं टैंट की दुकान मिली, कहीं धर्मशाला। इस पर आयुक्त ने उसे भी रिलीव कर दिया।
निगम की छवि धूमिल की, हो विभागीय कार्रवाई
जांच रिपोर्ट के आधार पर निगम आयुक्त ने शिवराज के रिलीव आदेश में लिखा, उसने अपने सम्पर्कों के दम पर अन्य पुलिसकर्मियों को रिलीव कराने के लिए छद्म नामों से शिकायतें की। जांच में वह निगम की छवि धूमिल करने व कार्यालय की गोपनीयता भंग करने का दोषी पाया गया। आयुक्त ने उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय के आइजी (कार्मिक) को पत्र भी भेजा है।