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‘हर व्यक्ति तक हो न्याय की पहुंच’: CJI चंद्रचूड़ ने कहा, वकीलों के बिना हम जज वक्त की रेत में सिफर होंगे

नई दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने मंगलवार को नागरिकों को न्याय तक पहुंच प्रदान करने पर जोर देते हुए कहा कि अदालत व्यक्तियों को उनके जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षित लोकतांत्रिक जगह देती है. यहां सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हमारे लिए इस तथ्य को पहचानना महत्वपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट बार देश की अग्रणी बार के रूप में कानून के शासन की रक्षा के लिए खड़ा है.”

उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती न्याय तक पहुंच की बाधाएं दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि न्यायपालिका समावेशी एवं पंक्ति में आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति के लिए सुगम हो. उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों को सुगम और समावेशी बनाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर बुनियादी ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है.

सीजेआई ने कहा, “हमारा उद्देश्य एक ऐसी न्यायिक प्रणाली बनाना है जो न्याय चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए अधिक सुलभ, लागत प्रभावी और किफायती हो. हम पहले से ही अदालत परिसर और अदालत सेवाओं को दिव्यांगों के अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, हमने नेत्रहीन समुदाय को अदालती सेवाओं तक पहुंचने में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए स्क्रीन-पठनीय वेबसाइट और केस फाइलों का संचालन शुरू किया है.

प्रधान न्यायाधीश ने वकीलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘आपके (वकीलों) के बिना, आपकी निडरता के बिना, आपकी स्वतंत्रता के बिना, हम न्यायाधीश वास्तव में समय की रेत में सिफर होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘जब मुझे बार के किसी सदस्य से कभी-कभी किसी मामले को उसी दिन तुरंत उठाने का अनुरोध मिलता है, तब भी मैं इसे बहुत ध्यान से सुनता हूं और जल्द से जल्द एक पीठ गठित करता हूं, क्योंकि हमारे सिस्टम का असली मकसद हमारे नागरिकों को न्याय तक पहुंच प्रदान करना है.’

शीर्ष न्यायाधीश ने अपने सहयोगियों को यह भी आश्वासन दिया कि प्रत्येक शिकायत, प्रत्येक पत्र और यहां तक ​​कि उनके बजाय सोशल मीडिया को संबोधित प्रत्येक शिकायत को उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से निपटाया जाता है. उन्होंने कहा, “लेकिन मैं वकीलों से अनुरोध करता हूं कि अगर आपकी कोई शिकायत है तो अदालत के बाहर न भागें, आपके परिवार का मुखिया उसे संबोधित करने के लिए यहां बैठा है.”

Tags: DY Chandrachud, Independence day, Supreme Court

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