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भारत-पाक तनाव: चीन के समर्थन से टू फ्रंट वार के लिए तैयार भारत.

Last Updated:May 11, 2025, 12:33 IST

Bharat Pakistan ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है. चीन ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत को टू फ्रंट वार के लिए तैयार रहने का संदेश दिया है. भारत को अब अपनी सैन्य और कूटनीतिक शक्ति और ब…और पढ़ेंपाक को चीन के सपोर्ट का क्या मतलब? कैसे भारत के लिए है टू फ्रंट वार का 'संदेश'

भारत-पाक तनाव: चीन ने पाक का समर्थन कर एक तरह से भारत को अलर्ट कर दिया है. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

भारत को चीन-पाक की यारी से टू फ्रंट वार के लिए तैयार रहना होगा.चीन ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत को टू फ्रंट वार का संदेश दिया.भारत ने राफेल, ब्रह्मोस मिसाइल और सुदर्शन चक्र जैसे हथियार तैयार किए.

भारत और पाकिस्तान जंग के मुहाने से दो कदम पीछे लौट आए. सीजफायर पर सहमति बन गई पर तनाव अब भी है. जंग की आग कब भड़क जाए, कौन जानता है. वैसे भी पाकिस्तान की गद्दारी का इतिहास रहा है. वह कभी भी अपनी बात से पलट सकता है. इसके लिए नया भारत पूरी तरह तैयार है. पाक की हर हिमाकत का भारत माकूल जवाब देता है और देता रहेगा. हिंदुस्तान अब एक और चीज के लिए तैयार रहेगा, जिसकी झलक भारत-पाक तनाव ने दिखा दी. जी हां, भारत-पाक तनाव के बीच चीन ने भारत को एक संदेश दिया है. वह है टू फ्रंट वार के लिए तैयार रहने का संदेश. दरअसल, चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान का सपोर्ट किया है. उसने डंके की चोट पर आतंकियों के आका पाकिस्तान समर्थन किया है.

चीन का पाकिस्तान को सीधा सपोर्ट का मतलब भारत को टू फ्रंट वार के लिए तैयार रहने का संदेश है. पहलगाम अटैक के गुनहगारों और पनाहगारों को भारत छोड़ेगा नहीं. मगर भारत के इस रास्ते में एक बार फिर चीन खड़ा हो गया है. चीन का पाकिस्तान का खुला सपोर्ट न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है, बल्कि भारत को टू फ्रंट वार की चुनौती के लिए तैयार रहने का संदेश भी दे रहा है. यह संदेश है कि भारत को फ्यूचर में एक साथ एलओसी के साथ-साथ एलएसी के लिए भी तैयार रहना होगा.

भारत को संदेश और चीन-पाक की यारीपाकिस्तान का चीन सदाबहार दौस्त है. हर बार पाकिस्तान को चीन का साथ मिलता रहा है. इसमें भले ही चीन के अपने हित हैं. मसलन चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर और बलूचिस्तान में चीनी इन्वेस्टमेंट. यही वजह है कि पहलगाम अटैक के बाद भी चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया. भारत ने जब पाकिस्तान की नस दबाई तो चीन तुरंत उसके बचाव में आ गया. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान का सपोर्ट किया और उसकी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा की बात कही. यह एक संदेश था, जिसे भारत को समझने की जरूरत है कि जंग में पाकिस्तान अकेला नहीं है. उसके पीछे चीन का हाथ है.

चीन के दम पर पाकिस्तानयह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि चीन ने ही पाकिस्तान को ड्रोन, फाइटर जेट और एचक्यू-9पी जैसे एयर डिफेंस सिस्टम दिए हैं. भारत के खिलाफ पाक ने अभी जितने भी मिसाइल और ड्रोन का इस्तेमाल किया, वे ज्यादातर चीनी ही थे. चीन का यह कहना कि वह पाकिस्तान के साथ खड़ा है, अपने आप में भारत के लिए सिग्नल है. इसका मतलब है कि चीन अब भी भारत का दुश्मन और पाक का दोस्त ही है. वैसे भी दुश्मन का दोस्त कभी भी दुश्मन ही रहता है. चीन का पाक को समर्थन केवल कूटनीतिक नहीं है. यह इस बात का इशारा है कि भारत और पाक में अगर आगे युद्ध होता है तो चीन भी इसमें कूदेगा. ऐसे में भारत को अभी से टू फ्रंट वार के लिए तैयार रहना होगा.

क्या है ये टू फ्रंट वारअब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर ये टू फ्रंट वार क्या है? दरअसल, टू फ्रंट वॉर का मतलब है कि एक साथ एक ही समय पर दो मोर्चों पर युद्ध लड़ना. अब तक भारत ने कभी भी दो मोर्चों पर एक साथ युद्ध नहीं लड़ा है. मगर चीन-पाक की गलबहियां देखकर ऐसा लग रहा है कि भारत को कभी भी टू फ्रंट वार की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में भारत को एक ही वक्त में एलओसी पर पाकिस्तान और एलएसी पर चीन के साथ सैन्य संघर्ष के लिए तैयार रहना पड़ेगा. भारत के लिए चुनौती बड़ी है, मगर असंभव नहीं. यह तो अच्छा है कि वक्त रहते भारत को संदेश मिल गया.

भारत की तैयारी जारीवैसे भी भारत को यह बात बहुत पहले से पता है कि चीन और पाक कभी भी दुश्मन ही रहेंगे. यही वजह है कि भारत टू फ्रंट वार को काफी पहले से गंभीरता से ले रहा है. यही वजह है कि भारत के पास आज राफेल, ब्रह्मोस मिसाइल और सुदर्शन चक्र जैसे हथियार हैं. इतना ही नहीं, भारत लगातार अपने वायुसेना के बेड़े को मजबूत कर रहा है. इतना ही नहीं, समदंर का सिकंदर बनने के लिए भी दिन रात एक कर चुका है. भारत अपनी सैन्य के साथ-साथ कूटनीतिक शक्ति भी बढ़ा रहा है. ताकि भविष्य में जब टू फ्रंट वार की स्थिति हो तो भारत का पलड़ा मजबूत रहे.

authorimgShankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho…और पढ़ें

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho… और पढ़ें

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पाक को चीन के सपोर्ट का क्या मतलब? कैसे भारत के लिए है टू फ्रंट वार का ‘संदेश’

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