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vande bharat train ashok gahlot pm modi | देश का दुर्भाग्य…रेलवे राजनीति का अखाड़ा बना रहा : मोदी पीएम के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण, जनता के गले नहीं उतरेंगे: गहलोत

locationजयपुरPublished: Apr 13, 2023 01:59:08 am

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत को वचुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में रेलवे के विकास कार्यों गिनाया। साथ ही 2014 से पहले रेलवे की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि रेलवे हमेशा से ही राजनीति का अखाड़ा बना रहा।

देश का दुर्भाग्य...रेलवे राजनीति का अखाड़ा बना रहा : मोदी पीएम के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण, जनता के गले नहीं उतरेंगे: गहलोत

देश का दुर्भाग्य…रेलवे राजनीति का अखाड़ा बना रहा : मोदी पीएम के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण, जनता के गले नहीं उतरेंगे: गहलोत

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदेभारत को वचुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने अपने कार्यकाल में रेलवे के विकास कार्यों गिनाया। साथ ही 2014 से पहले रेलवे की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि रेलवे हमेशा से ही राजनीति का अखाड़ा बना रहा। भाषण के अंत में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर यह कहते हुए तंज भी कसा कि राजनीति की आपाधापी के संकटों से गुजर रहे, फिर भी वे यहां आए। कार्यक्रम के बाद सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सभी रेलमंत्री के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बोलना दुर्भाग्पूर्ण है।
पीएम ने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। रेलवे के आधुनिकीकरण पर राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देखकर तब ये तय किया जाता था कि कौन रेलमंत्री बनेगा, कौन नहीं बनेगा। राजनीतिक स्वार्थ ही तय करता था की कौन सी ट्रेन कहां चलेगी। उस स्वार्थ की वजह से ट्रेनों की घोषणा हुई, लेकिन वे चली नहीं। रेलवे भर्ती में भ्रष्टाचार हुआ। रेलवे की सुरक्षा को नजर अंदाज कर दिया गया। 2014 के बाद बदलाव आना शुरू हुआ, जब पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई। राजनीतिक स्वार्थ हटा तो रेलवे भी नहीं ऊंचाइयों की तरफ दौड़ पड़ी। राजस्थान की जनता ने हमेशा आशीर्वाद दिया है। राजस्थान देश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है। सैलानियों को सुविधा मिले और समय बचे। इसमें कनेक्टिविटी का बड़ा योगदान है। इस मामले में सरकार ने बहुत अभूतपूर्व काम किया ।
पीएम के आरोप दुर्भाग्यपूर्ण, जनता के गले नहीं उतरेंगे: मुख्यमंत्री
वंदेभारत उद्घाटन में पीएम नरेन्द्र मोदी के रेलवे को राजनीति का अखाड़ा बताने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम खत्म होने के बाद पीएम मोदी को संबोधित करते हुए एक बयान जारी कर कहा कि मुझे दुख है कि मेरी मौजूदगी में 2014 से पूर्व के रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, जगजीवनराम, सरदार स्वर्ण सिंह, गुलजारी लाल नंदा, के. हनुमानथईया, ललित नारायण मिश्र, कमलापति त्रिपाठी, मधु दंडवते, पीसी सेठी, एबीए गनीखान चौधरी, मोहसिना किदवई, माधवराव सिंधिया, जॉर्ज फर्नांडीस, जनेश्वर मिश्र, सीके जाफरशरी, रामविलास पासवान, नीतीश कुमार, राम नायक, ममता बनर्जी, मल्लिकार्जुन खरगे सहित सभी के कार्यकाल के फैसलों को भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बोलना दुर्भाग्पूर्ण है। गहलोत ने आरोप लगाया कि रेलवे का महत्व कम करने का प्रयास तो पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में अलग रेलवे बजट को समाप्त कर किया है। यह कहना उचित नहीं है कि रेलवे में विकास कार्य 2014 के बाद ही हुए हैं। पीएम ने 2023-24 के विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों को देखते हुए यह भाषण दिया है। यह भारतीय जनता पार्टी के चुनावी एजेंडे के रूप में था। पीएम की ऐसी टिप्पणियां प्रदेशवासियों एवं देशवासियों के गले नहीं उतरेंगी।
वंदे भारत ट्रेन लोगों का समय बचा रही
जयपुर रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित कई सांसद-विधायक मौजूद रहे। पीएम ने कहा कि राजस्थान की धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है । जयपुर-दिल्ली आना-जाना आसान हो जाएगा । ये ट्रेन टूरिज्म इंडस्ट्री को भी मदद करेगी। आस्था के महत्वपूर्ण स्थलों पर पहुंचने में भी आसानी होगी। जब से ये आधुनिक ट्रेन शुरू हुई है, तब से अब तक 60 लाख लोग सफर कर चुके हैं। वंदे भारत ट्रेन लोगों का समय बचा रही है। एक स्टडी है कि एक ट्रिप में ढाई हजार घंटे बच रहे हैं, जो अन्य कार्यों में लगाए जा सकते हैं। वंदे भारत तमाम खूबियों से सज्जित है। इसी वजह से वंदे भारत ट्रेन का गौरव गान हो रहा है। वंदे भारत पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, जो मेड इन इंडिया है। वंदे भारत ट्रेन विकास, आधुनिकता, आत्मनिर्भरता का पर्याय बन चुकी है। आज की वंदे भारत की यात्रा, कल हमें विकसित भारत की यात्रा की ओर ले जाएगी।
पीएम ने मित्र बताते हुए सीएम गहलोत पर कसा तंज
मोदी ने कहा कि अशोक गहलोत राजनीति की आपाधापी के संकटों से गुजर रहे हैं, फिर भी वो विकास के काम के लिए समय निकाल कर आए। इसलिए उनका स्वागत करता हूं। सीएम गहलोत ने अपने भाषण में कुछ मांगें रखी तो उस पर मोदी ने कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद हो जाने चाहिए थे, अब तक नहीं हो पाए। लेकिन, आपका मुझ पर इतना भरोसा है। इसलिए आपने वो काम मेरे सामने रखे। आपका यह विश्वास ही मेरी मित्रता की ताकत है। मित्रता के नाते आप जो भरोसा रखते हैं। इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं। सीएम गहलोत के दोनों हाथ में लड्डू है। रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन दोनों राजस्थान से हैं।
राजस्थान में रेलवे के 57 हजार करोड़ रुपए के हो रहे विकास कार्य- रेलमंत्री
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदेभारत ट्रेन के संचालन को लेकर पूरे देश में उत्साह है। अजमेर से दिल्ली कैंट के बीच संचालित होने वाली यह राजस्थान की पहली और देश की 15वीं वंदेभारत ट्रेन है। राजस्थान में 57 हजार करोड़ रुपए के रेल विकास कार्य हो रहे हैं। आगामी 50 साल की आवश्यकताओं का ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशनों का री-डवलपमेंट किया जा रहा है। जयपुर समेत प्रदेश के कुल 82 स्टेशन री-डवलपमेंट होंगे। उन्हें वल्र्ड क्लास बनाया जाएगा।
राजस्थान की रेल सेवा पर ध्यान देने की जरूरत : गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां रेल सेवा पर ध्यान देने की जरूरत है। राजस्थान में रेगिस्तान के इलाके हैं। इसलिए यहां रेल नेटवर्क भी अधिक से अधिक हो। गहलोत ने प्रधानमंत्री से कहा कि रेलमंत्री राजस्थान के ही हैं, यानी मेरे अपने हैं। जोधपुर में पढ़े हैं, पाली के रहने वाले हैं। राजस्थान का शख्स पहली बार रेलमंत्री बना है। आज तक देखा गया कि जिस भी राज्य का रेलमंत्री बनता है, वह रेलवे में अपने राज्य का ध्यान रखता है। उम्मीद है अश्विनी वैष्णव राजस्थान में अधिक से अधिक काम करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा नई ट्रेनें चल सकें। सीएम ने कहा कि प्रदेश में बांसवाड़ा, करौली, टोंक तीन ऐसे जिले हैं जहां जिला मुख्यालय होने के बाद भी रेल नेटवर्क नहीं है। इसकी अति आवश्यकता है। इनको रेल सुविधाओं से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य में अधूरे पड़े रेल प्रोजक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम के बीच रेल सेवा के लिए राज्य सरकार और रेलवे बोर्ड के बीच एमओयू हुआ था। बांसवाड़ा में रेल लाइन का शिलान्यास भी किया गया था। पहली बार राज्य सरकार द्वारा मेजर रेल प्रोजेक्ट के लिए भूमि समेत 1250 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन जनहित का यह काम आगे नहीं बढ़ा। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने जैसलमेर-बाड़मेर को मुंद्रा व कांडला बंदरगाह से जोडऩे के लिए नई रेल लाइन की बात कही। यह रिफायनरी के लिए भी उपयोगी साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भीलवाड़ा कोच मेमू फैक्ट्री से लिए राज्य सरकार 323 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर चुकी है। कोच फैक्ट्री को स्थापित करने के लिए जल्द निर्णय किया जाए।

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