ऐसा मंदिर जहां हजारों चूहों का झूठन प्रसाद खाते हैं लोग, यहां पैर उठाकर नहीं घसीटकर चलना पड़ता है, पढ़ें डिटेल
रिपोर्ट:निखिल स्वामी
बीकानेर. भारत में कई रहस्यमय मंदिर मिल जाएंगे जो कई विशेष कारणों से भक्तो में प्रसिद्ध है. इनमें से एक ऐसा मंदिर है जहां हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश के लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते है. हम बात कर रहे है बीकानेर के देशनाेक स्थित करणी माता मंदिर की. यह बीकानेर से 30 किलोमीटर की दूरी पर है और यह बेहद अद्भुत मंदिर है. इस मंदिर में हजारों चूहे है इन चूहों को काबा कहा जाता है. इस मंदिर को चूहों वाली माता, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
करणी माता मंदिर के व्यवथापक गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि मां दुर्गा का साक्षात अवतार-करणी माता है. यहां आने वाले भक्तो की हर मनोकामना पूरी होती है. मंदिर में चूहे होने के पीछे की मान्यता ये है किअगर कोई देपावत चारण मरता है तो वो करणी माता के मंदिर में चूहा बनकर जन्म लेता है. बता दें कि देपावत करणी माता के पारिवार के सदस्य हैं.
इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में इतने सारे चूहे रहने के बाद भी यहां पर बदबू नहीं आती है. साथ ही आज तक कोई बीमारी नहीं फैली और सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद चूहों का झूठा किया हुआ दिया जाता है. जिससे लोग बीमार नहीं होते है और स्वस्थ रहते है. इस मंदिर में लोगपैर उठाकर चलने के बजाय घसीटकर चलते हैं, ताकि कोई चूहा पैरों के नीचे ना आ जाए. जो अशुभ माना जाता है.
आपके शहर से (बीकानेर)
गजेंद्र ने बताया किहमारे घर में एक चूहा आ जाता है तो हम उत्पातमचा देते है. बैचेन हो जाते है और उस चूहें को भगाने के लिए हर तरकीब निकालने लगते है. क्योंकि इनसे प्लेग जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती है. इसके साथ-साथ हमारे घर से चूहों के रहने के कारण बदबू भी आने लगती है, लेकिन इस मंदिर सैकड़ों चूहें रहते है और इनके रहने से कोई बदबू नहीं फैलती और न ही कोई बीमारी होती है.
151 साल तक जिंदा रही
जानकारीके अनुसार 1387 ईसवी में माता करणी का जन्म रिघुबाई के नाम से एक शाही परिवार में हुआ था. विवाह के बाद उनका सांसारिक मोह माया से लगाव टूट गया और वे एक तपस्वी का जीवन जीने लगी.माता करणी करीब 151 साल तक जिंदा रहीं. तब से लेकर आज तक माता के कई भक्त उनकी श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं.
भव्य और सुंदर हैं ये मंदिर
ये मंदिर बहुत ही भव्य और सुंदर है.मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था. जिसकामुख्य द्वार ठोस चांदी से बना हुआ है. मंदिर की पूरी संरचना संगमरमर से बनी है और इसकी वास्तुकला मुगल शैली से मिलती जुलती है.बीकानेर की करणी माता की मूर्ति मंदिर के अंदर गर्भगृह के भीतर विराजमान है, जिसमें वह एक हाथ में त्रिशूल धारण किए हुए हैं.जिसके मुख्य दरवाजे चांदी के है और मंदिर के अंदर माता के लिए सोने का छत्र, चूहों के प्रसाद के लिए चांदी की बड़ी परातें हैं.
चूहे है माता के वंशज
करणी माता के मंदिर में करीब 25 हजार से भी अधिक चूहे मौजूद हैं. कहा जाता है कि ये चूहेमाता करणी के वंशज हैं. शाम को मंदिर में जब माता की संध्या आरती होती है, उस दौरान सभी चूहेअपने बिलों से बाहर आजाते हैं. भारी मात्रा में यहां पर चूहों के होने की वजह से इस मंदिर को मूषक मंदिर भी कहा जाता है. गौरतलब बात है कि 25 हजार से भी ज्यादा चूहे होने के बाद भी इस मंदिर मेंकिसीभी प्रकार की दुर्गंध नहीं आती है. वहीं आज तक इस मंदिर में चूहों से कोई बीमारी भी नहीं फैली है.
मंदिर में चांदी का चूहा करते हैं दान
नवरात्रि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु करणी माता का दर्शन करने पहुंचते हैं. मान्यता है कि माता करणी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. वहीं अगर किसी से कोई चूहा मर जाता है तो वो मंदिर में चांदी का चूहा भी दान करते हैं.
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Tags: Bikaner news, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : April 10, 2023, 15:25 IST